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बालक के साथ अनैसर्गिक कृत्य करने के मामले पर गोंदिया के इतिहास में दूसरी बार आरोपी को कठोर सजा..
आरोपी ऐसे ही एक कलंकित पाप में भुगत चुका है 5 साल की सजा,
प्रतिनिधि। 11 अप्रैल
गोंदिया। आज 11 अप्रैल 2022 को जिला व विशेष सत्र न्यायालय ने एक मासूम बालक के साथ हुई अनैसर्गिक दरिंदगी पर आरोपी को 27 साल की कठोर सजा सुनाई वही 30 हजार रुपयों का दंड ठोका है। गौरतलब है कि एक माह पूर्व इसी अदालत ने इसी तरह के एक मामले पर 4 मार्च 2022 को सुनवाई करते हुए आरोपी को 17 साल की कठोर सजा सुनाई थी। गोंदिया जिले के इतिहास में ये दूसरा मामला है जब किसी आरोपी को एक बालक के साथ जबरदस्ती, कर अनैसर्गिक कृत्य करने पर कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई है।
जिला न्यायालय के प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश मा. एस.ए.ए.आर औटी ने जिले के अर्जुनी मोरगाँव थाना क्षेत्र में घटी इस समाज को कलंकित करने वाली घटना पर भादवि की धारा 377 व बालयौन शोषण अधिनियम 2012 की कलम 6, 10 अंतर्गत आरोपी दिनेश भीकाजी नंदेश्वर उम्र 30 निवासी अर्जुनी मोरगाँव को दोषी मानते हुए 27 साल की कठोर सजा व 30 हजार दंड की सजा सुनाई।
इस मामले पर सरकार की ओर से एवं पीड़ित/फिर्यादि की ओर से पैरवी अतिरिक्त सरकारी वकील सतीश यू. घोड़े व विशेष सरकारी वकील कृष्णा डी. पारधी ने की। सरकारी वकील ने आरोपी के खिलाफ कुल 10 गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये।
मा. न्यायालय ने इस प्रकरण पर दोनों पक्षों की सुनवाई, युक्तिवाद, आरोपी की उम्र, डॉक्टरी रिपोर्ट एवं आरोपी के पूर्व इतिहास जैसे कि आरोपी द्वारा इसके पूर्व भी ऐसे ही मामले पर 5 साल की सजा, न्यायालय के समक्ष आयी परिस्थितिजन्य सबूतों को ग्राहय मानते हुए आरोपी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 अंतर्गत 20 साल की कठोर सजा व 20 हजार दंड की सजा सुनाई वही दंड न भरने पर 1 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई। इसके साथ ही बालकों के यौनअपराध से संरक्षण अधिनियम 2012 अंतर्गत धारा 10 के तहत 7 साल सश्रम कारावास व 10 हजार रु दंड की सजा सुनाई। दंड न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई।
ये था प्रकरण: 21 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजे के दौरान 6 वर्षीय पीड़ित बालक की फिर्यादि माँ (25वर्षीय) अपने रोजमर्रा के काम से जब वापस घर लौटी तो बालक गुमसुम बैठा हुआ था। फिर्यादि के पूछने पर उसने घटनाक्रम की सारी जानकारी अपनी माँ को बताई। उसने कहा कि जब वो घर पर था, तब आरोपी दिनेश नंदेश्वर आया। उसने अपने और पीड़ित के कपड़े उतारे और पीड़ित के साथ अनैतिक अत्याचार किया। फिर्यादि ने पीड़ित के बताए अनुसार जब देखा तो उसके जिस्म के उस अंग में जख्म थे वो खून लगा दिखाई दे रहा था।
फिर्यादि माँ ने बालक के साथ हुए घिनोने अत्याचार के विरुद्ध न्याय के लिए 21 अक्टूबर 2021 को अर्जुनी मोरगांव पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। तत्कालीन जांच अधिकारी सोमनाथ कदम (सहायक पुलिस निरीक्षक) ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 377 व पोक्सो की धारा 4, 6 अंतगर्त अपराध दर्ज कर इस मामले की संपूर्ण जांच कर मा. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
विशेष है कि मा. प्रमुख जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश श्री एस.ए. ए. औटी ने 3 माह 20 दिन में सुनवाई पूर्ण कर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया व नराधमी आरोपी को 27 साल की कठोर सजा सुनाई।
विशेष सरकारी वकील कृष्णा पारधी ने कहा, वर्ष 2018 में देश की सर्वोच्च न्यायालय में नवजोतसिंग जौहर वि. भारत सरकार के प्रकरण पर धारा 377 भादवि के तहत फैसला सुनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, जब अगर दो लोग स्वयमर्जी से अनैसर्गिक सम्बन्ध रखते है तो वो दंडनीय अपराध नहीं। मगर बिना सहमति के अनैसर्गिक कृत्य करते है तो वो दंडनीय अपराध माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के इसी निर्णय के आधार पर गोंदिया न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराकर सश्रम कारावास की सजा सुनायी। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित बालक हो या बालिका, उसपर हुए यौन शोषण को बाल लैंगिक अपराध ही माना जायेगा। आज का निर्णय समाज के लिये एक दिशा दर्शक है।
मा. कोर्ट ने दंड की रकम पीड़ित बालक को देने के आदेश दिए वही जिला विधि सेवा प्राधिकरण गोंदिया मार्फ़त पीड़ित बालक को मनोधैर्य योजना अंतर्गत आर्थिक मदद व पुनर्वसन करने के आदेश दिए।
कोर्ट के मामले पर पुलिस विभाग की ओर से पुलिस निरीक्षक चंद्रकांत सूर्यवंशी अर्जुनी मोरगाँव के देखरेख में म.पु.हवा. गीता ठाकुर/तुरकर ने कामकाज संभाला।