जनवरी में विदर्भ के 4 टाइगरों का हुआ शिकार, रुद्र बी-2 टाईगर के शिकार पर 5 गिरफ्तार…

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प्रतिनिधि। 30 जनवरी
गोंदिया। विदर्भ का अधिकांश भाग वनजंगल से भरा पड़ा है। यहां जैवविविधता है। गोंदिया-भंडारा जिले का नवेगांव-नागझिरा, चंद्रपुर का ताडोबा, नागपुर का पेंच, उमरेड करहांडला आदि अभयारण्य होने से टाइगर की संख्या भी अधिक है। परंतु विदर्भ के वनजंगल में शिकारियों की तेज चहलकदमी से टाइगर समेत वन्यजीव संकट में है।
जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष 2021 में राज्य में कुल 26 बाघों की अनैसर्गिक मौत हुई है, जबकि अकेले जनवरी 2022 में विदर्भ के 4 बाघों का शिकार हुआ है। बाघों के शिकार को लेकर मामला अधिक चिंतन वाला हो गया है। वन्यजीव के सरंक्षण को लेकर की जा रही बाघ बचाओ मुहिम की धज्जियां उड़ रही है।
हाल ही 28 जनवरी को भंडारा जिले के कोका अभ्यारण्य से सटे पलाडी गाँव में पट्टेदार बाघ रुद्र बी 2 का शिकारियों द्वारा करंट का जाल बिछाकर शिकार किया गया। इस बाघ शिकार मामले में वनविभाग ने पहले चाँदोरी निवासी दिलीप नारायण नारनवरे 55 को विद्युत तारों की सामाग्री के साथ गिरफ्तार किया।
आरोपी ने कबूल किया कि उसने वन्यजीव शिकार हेतु विद्युत प्रवाहित तारो का जाल बिछाया था। जिसमें बाघ के फसने पर मौत हुई। उसने तीन अन्य आरोपियों के नाम लिए थे। जिसपर वनविभाग की टीम ने रातभर धरपकड़ कार्रवाई कर 4 आरोपियो को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
गिरफ्तार अन्य आरोपियों में राजू नारायण नारनवरे 50 वर्ष, सुभाष झिटु चाचेरे 70, चैतराम गोदरु चाचेरे 36, विलास कुसन कागदे 50 का समावेश है। इन सभी के खिलाफ वन्यजीव (सरंक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48 बी, 49, 50, 51, 52, भारतीय वन अधिनियम 1972 धारा 26(डी), 26(आय) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम १९७२ के  अनुसूची-१, भाग-१, के अनुक्रमांक ३९ अन्वये गुन्हा दर्ज किया गया है। आगे की जांच एस. बी. भलावी उपवनसंरक्षक भंडारा के मार्गदर्शन में वाय. बी. नागुरबार सहाय्यक वनसंरक्षक (रोहयो व वन्यजीव) भंडारा कर रहे है। 

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