गोंदिया: जिला शल्य चिकित्सक अमरीश मोहबे के भ्रष्ट तथा तानाशाही रवैये से त्रस्त डॉ. नितेश बाजपेई ने लिया आत्मदाह का निर्णय..

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नर्सिंग होम पंजीयन पुनः बहाल करने जिलाधिकारी के आदेशों को भी किया दरकिनार.. 

प्रतिनिधि। 28 अक्तूबर
गोंदिया:- स्थानीय न्यू बालाजी नर्सिंग होम के संचालक डॉ. नितेश बाजपेई ने गोंदिया जिले के जिला शल्य चिकित्सक डाॅ. अंबरीश मोहबे के भ्रष्ट आचरण तथा मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित करने के परिणाम स्वरुप जिला शल्य चिकित्सक के कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने का निर्णय लिया है ।
डॉ. बाजपेई ने बतलाया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान, लगभग 7 माह पूर्व, उनके न्यू बालाजी नर्सिंग होम का पंजियन रद्द कर दिया गया था जबकि बिना कारण बताओ नोटिस को जारी किये किसी भी नर्सिंग होम का पंजीयन रद्द करना मुंबई नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन है । डाॅ. अंबरीश ने इस बाबत यह दलील दी थी कि नर्सिंग होम पर चुंकि एफआईआर दर्ज है इसलिए पंजीयन रद्द किया गया है ।
यहां यह बता दें कि कई अन्य अस्पतालों पर भी एफ आई आर दर्ज है पर उनके पंजियन निरस्त नहीं किए गए । डॉ. बाजपेई ने बतलाया कि उन पर जो कार्यवाही की गई है वह डॉ.अंबरीश द्वारा द्वेष की भावना के अंतर्गत की गई है ।
साथ ही बाजपेई ने बतलाया कि डॉ. अंबरीश ने उन्हें पंजियन बहाल करने के एवज में रुपयों की मांग भी की थी। डॉ. नितेश बाजपेई ने अत्यंत दुखी होकर बतलाया कि वह डॉक्टर से बार-बार मिलकर त्रस्त हो गए हैं । अपने न्यू बालाजी नर्सिंग होम का पंजीयन बहाल करवाने के संबंध में जानकारी राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, गोंदिया के विधायक विनोद अग्रवाल, सांसद सुनील मेंढे आदि गणमान्य व्यक्तियों को लिखित रूप से दी है। जिन्होंने भी डॉ. अंबरीश मोहबे को पत्र लिखकर आदेश दिया कि न्यू बालाजी नर्सिंग होम का पंजीयन पूर्ववत किया जाए। परंतु डाॅ.अंबरीश ने इन जनप्रतिनिधियों की सलाह को भी दूर्लक्ष किया है ।
डॉ. बाजपेई ने आगे बतलाया कि हाल ही में डाॅ. अंबरीश मोहबे ने उन्हें कहा कि वे यदि कलेक्टर गोंदिया से अस्पताल बहाली करने की अनुमति ले आते हैं तो वे उन्हें पुनः पंजियन प्रदान कर देंगे । डाॅ . बाजपाई ने गोंदिया जिले की कलेक्टर मैडम से मिलकर उन्हें सारी जानकारी प्रदान की । जिससे कलेक्टर महोदया ने टेलीफोन पर डॉ. मोहबे को पंजियन बहाल करने के निर्देश दिए तथा साथ ही लिखित रूप में उन्हें पत्र भी दिया पर डॉ. मोहबे ने कलेक्टर के आदेश को भी दरकिनार कर दिया है ।
बाजपेई ने बताया कि विगत 7 माह से उनका नर्सिंग होम बंद है तथा नर्सिंग होम के उपकरणों के रखरखाव तथा स्टाॅफ की पगार व अस्पताल की बैंक किश्त के रूप में उन्हें लगभग एक लाख रुपये  प्रति माह का खर्च उठाना पड़ रहा है जो अब उनके लिए असंभव हो गया है । उन्होंने चेतावनी भरे हुए लहजे में कहा कि यदि 1 सप्ताह के अंदर डॉ. मोहबे ने न्यू बालाजी नर्सिंग होम का पंजियन बहाल नहीं किया तो मजबूर होकर वे सिविल सर्जन के कार्यालय के समक्ष आत्मदाह कर लेंगे जिसके लिये डाॅ. मोहबे ही जिम्मेदार होंगे ।

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