गांव के छोरे ने जीता दिल, राष्ट्रीय युवा खेल चॅम्पियनशीप (अंडर-१९) में गोंदिया जिले का “परिमोल” दूसरे क्रमांक पर.. ले आया रजत पदक

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प्रतिनिधि। 13 सितंबर
गोंदिया। वो कहते है ना, पंखों से कुछ नही होता, हौसलों से उड़ान होती है। हा, हमारे हौसले बुलंद है तो सामने हर संघर्ष में जीत है। कुछ ऐसा ही गोंदिया जिले के आमगांव तहसील के मानेकसा/कालीमाटी निवासी युवक ने कर दिखाया है।
 
इस युवक का नाम है परिमोल नेतराम परसमोड़े। जिस गाँव में बस तक की सुविधा नहीं, उस गाँव के छोरे ने अपने हौसलों से जयपुर (राजस्थान) का सफर कर राष्ट्रीय युवा खेल चैंपियनशिप में भाग लिया और दौड़ की अंडर-19 स्पर्धा में दूसरा क्रमांक प्राप्त कर पूरे जिले का, अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है।
 
परिमोल परसमोड़े जिले के आमगांव तहसील में मानेकसा/कालीमाटी में एक किसान का बेटा है। माता-पिता निरक्षर है। घर के हालात कमजोर होने से परिमोल कि पढ़ाई सिर्फ 10वीं तक हो पाई। परिमोल ने खेल में अपना वर्चस्व कायम रखा। जिस छोटे से गाँव मे बस जैसे यात्री सुविधा नही उस गाँव के इस छोरे ने जयपुर में इस राष्ट्रीय युवा खेल स्पर्धा में भाग लेकर पूरे गाँव का, जिले का व माता-पिता का नाम रोशन कर दिया।
उम्र के 19 साल के परिमोल ने हौसलों की इस ऊंची छलांग में किसी की भी मदद नही ली। उसने इस दौड़ में अपने दम पर रजत पदक लेकर खेल के वर्चस्व में लोकप्रियता बढ़ा दी है। परिमोल के ख्याति अर्जित करने पर समाज व ग्राम के लोगों द्वारा उसका सत्कार किया गया। परिमोल जैसे युवक को खेल को बढ़ावा देने हेतु प्रशासन स्तर पर सहयोग प्राप्त होना चाहिए।

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