तिरोडा उपजिला अस्पताल में मनाया गया अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस.., नर्स अस्पताल की रीढ़ की हड्डी है- आरएमओ डॉ. सुवर्णा हुबेकर

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हक़ीकत टाइम्स।
गोंदिया, 12 मई। आज ‘इंटरनेशनल नर्स दिवस’ है, कोविड महामारी के बीच नर्स-डाक्टर्स ही हर देश में रीयल योद्धा के रूप में सामने आए हैं। एक मरीज की देखरेख का सारा काम नर्स करती हैं, आज संकट के दौर में घर-परिवार छोड़कर, अपनी जान की परवाह न कर दिन रात मरीजों के इलाज में अपनी सेवा देकर दायित्व निभा रही नर्स रियल योद्धा व अस्पताल की रीढ़ की हड्डी है। आज उन्ही नर्सो को सम्मान देने 12 मई को ‘इंटरनेशनल नर्स डे’ आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में मनाया गया।

आज इसी विश्व नर्स दिवस पर ग्रामीण अस्पतालों में कोरोना संकटकाल में सेवा दे रही नर्सो के सम्मान में तिरोडा उपजिला अस्पताल में सादगी पूर्ण रूप से कार्यक्रम आयोजित कर उन्हे सम्मानित किया गया।

इस दौरान तिरोडा उपजिला अस्पताल में कार्यक्रम के अध्यक्ष वैद्यकिय अधीक्षक डॉ. हिम्मत मेश्राम के नेतृत्व में अधिपरिचारिका मेट्रन शिप्रा तिराले, श्रीमती सुनिता सोनवणे (खोब्रागडे), श्रीमती भगत, प्रतिभा कापगते, श्रीमती केवट, 24 घन्टे सेवारत सभी परिचारिका कोरोना योद्धा नर्सो का जिला सामान्य अस्पताल (केटीएस) की निवासी वैद्यकिय अधिकारी डॉ. सुवर्णा हुबेकर के माध्यम से अभिनंदन किया गया।

विश्व नर्स दिवस पर फ्लोरेंस नाइटिंगेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दिप प्रज्वलन आरएमओ डॉ. हुबेकर के हस्ते किया गया। मेट्रन शिप्रा तिराले के हस्ते केक काटकर सभी परिचारिकाओं ने अपनी सेवा को कर्तव्य के साथ आगे शुरू रखने की प्रतिज्ञा ली।

इस दौरान सत्कारमूर्ति मेट्रन शिप्रा तिराले को माता बालसंगोपन सेवा, टीकाकरण, प्रसूति, शस्त्रक्रिया आदि सभी क्षेत्र में अधिपरिचारिका प्रभारी रहते हुए ग्रामीण अस्पताल तिरोडा को ‘कायाकल्प प्रोजेक्ट’ में महाराष्ट्र में नंबर-1 पर लाकर पुरुस्कृत करने का खिताब दिलाने पर डॉ. सुवर्णा हुबेकर के हस्ते सम्मानित किया गया।

इस दौरान उपजिला अस्पताल के सभी पॅरा मेडिकल स्टाफ का पुष्प गुच्छ देकर उनका सत्कार किया गया।

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