गोंदिया: अशिक्षित होकर भी समाज के प्रति सर्वोश्रेष्ठ योगदान देना उच्चशिक्षित होने का प्रमाण- राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी

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मनोहरभाई पटेल की 115वीं जयंती निमित्त स्वर्णपदक वितरण समारोह में बोले राज्यपाल…

मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ ही कोरोना संकट में कुशल कार्य करने वाले डॉक्टर, आदर्श शिक्षिका भी राज्यपाल के हस्ते सम्मानित…

हक़ीकत न्यूज।

गोंदिया। स्व. मनोहरभाई पटेल की 115वीं जयंती निमित्त आयोजित मेधावी छात्र-छात्राओं के स्वर्णपदक वितरण समारोह में गोंदिया पधारे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने गोंदिया में मनोहरभाई पटेल द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किये गए कार्यो की जमकर सराहना की।

राज्यपाल श्री कोश्यारी ने सभी मेधावी बच्चों को शुभकामनाएं देकर तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर कहा कि, मैं जब स्कूल पड़ता था तब सिर्फ लड़के ही स्कूल में आया करते थे। लड़कियों को पढ़ाई से दूर रखा जाता था। आज युग परिवर्तन हो गया है। जहां देखोंगे, वहाँ लड़कियां आगे दिखाई देंगी। इस मातृशक्ति के देश में महिलाएं तेजगति से आगे बढ़ रही ये हमारे लिए गौरव की बात है।

उन्होंने उपस्थित बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा, हमें आज मनोहरभाई पटेल के जीवन को आत्मसात करने की आवश्यकता है। पढ़ाई के साथ ढाई अक्षर प्रेम का पढ़ना भी जरूरी है। ये ढाई अक्षर हमें सामाजिक जागरूकता, आदर्श की भावना की प्रेरणा देता है। मनोहरभाई ने इसी परिवार से मिलें आदर्शों की बदौलत शिक्षित न होते हुए भी जो शिक्षा क्षेत्र में कार्य किया, वो आज एक मिशाल है। अशिक्षित होकर भी समाज के प्रति सर्वोश्रेष्ठ योगदान देना ही उच्चशिक्षित होने का प्रमाण है।

राज्यपाल श्री कोश्यारी ने आगे कहा, प्रफुल पटेल एक भाग्यवान पिता के बेटे है। उनके नाम मे ही प्रफुल्लित होने की आभा झलकती है। जब उन्होंने मुझे इस जयंती समारोह में आने की विनंती की, तो मैंने उनकी विनती को सहज ही स्वीकार कर लिया। मेरा गोंदिया से बेहद लगाव है। मैं जिनकी बदौलत संघ से जुड़ा, वो आदर्शवान व्यक्ति व संघ के प्रचारक विश्वनाथ लिमये इसी जिले से थे।

राज्यपाल ने कहा, मैं संघ से जुड़ा हुआ हूँ। मैं हिंदुत्व की बात करता हूँ। पर कुछ न कुछ सीखने का प्रयास भी करता हूँ। मनोहरभाई के बाद आज प्रफुल पटेल जिस तरीक़े से अपने क्षेत्र में शिक्षा के साथ ही सर्वजन विकास के लिए कार्य करते है, उससे ऐसा लगता है जैसे उनके कान में प्रधानमंत्री मोदी जी का मंत्र घुस गया है-सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इसी विश्वास के साथ हमें भी समय के साथ चलकर देश को गतिशील बनाने आगे बढ़ना होंगा।

मेरे व्यक्तिगत जीवन में किसी के प्रति कभी गलत भावना नही रही- सांसद प्रफुल पटेल

सांसद प्रफुल पटेल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में अपने पिता जिन्हें हम बाबूजी के नाम से सम्बोधित करते है, उनकी पूरी जीवनी पर संक्षिप्त रूप में प्रकाश डाला। श्री पटेल ने कहा बाबूजी अलग ही विचार के व्यक्तित्व थे। उन्होंने अपने जीवन काल मे गरीबी देखी। गुजरात के नडियाद से बाहर निकलकर जबलपुर होते हुए गोंदिया आये और यहां काम की शुरुआत कर कुछ करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने जीवन में जो कमियां देखी उसे करने का जज्बा उनमें कायम रहा। वे चाहते थे कि जो हम न कर पाए वो समाज में अन्य किसी के साथ न हो। इसी संकल्प और उद्देश्य को लेकर उन्होंने इस पिछड़े गोंदिया-भंडारा जिले में जब एक ही स्कूल हुआ करती थी, उस दौर में एकसाथ 22 स्कूलों की स्थापना की।

 

सांसद पटेल ने कहा, उस दौर में महाराष्ट्र नही था, सीपी एन्ड बेरार की राजधानी नागपुर हुआ करती थी। बाबूजी ने जिला परिषद अस्तित्व में आने के बाद इन सभी स्कूलों को जिप के सुपुर्द करने का कार्य किया ताकि इन जिले के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़े। इतना ही नही उसके बाद भी गोंदिया शिक्षण संस्था के माध्यम से अनेक स्कूलों, कॉलेजों की स्थापना की। जो पौधा उन्होंने लगाया, उसे सींचने का काम हम कर रहे है।

पटेल ने कहा, हम चाहते तो गोंदिया शिक्षण संस्था को मुंबई, पुणे, नागपुर और तमाम बड़े शहरों में इसको विस्तार कर सकते थे, पर हमारा मकसद शिक्षा का व्यापार करना नही, बल्कि इन दो जिलों के बच्चों को शिक्षा में आगे बढ़ाने का रहा है, जिसे हम कर रहे है।

सांसद पटेल ने ये भी कहा, मैं खुद को राजनीति से अलग रखकर इन दो जिलों के लोगो के लिए कुछ करने का सदैव प्रयास रखता हूँ। मेरे व्यक्तिगत जीवन में किसी के प्रति कभी गलत भावना नही रही। मैं हमेशा जो मेरे संपर्क में रहे उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

समारोह में सभी गुणवंत छात्र-छात्राओं को स्व. मनोहरभाई पटेल स्वर्ण पदक व सम्मान पत्र राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के हस्ते प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं कोरोना संकट के काल में बेहतर योद्धा के रूप में कार्य करने वाले डॉक्टर डॉ. सुवर्णा हुबेकर, डॉ. रोशन कानतोड़े तथा गोंदिया शिक्षण संस्था की शिक्षिका अल्का पाटील को आदर्श शिक्षिका के रूप राज्यपाल श्री कोश्यारी के हस्ते सम्मानित किया गया।

समारोह समाप्ति के पूर्व नागपुर के शब्बीर विद्रोही द्वारा मनोहरभाई पटेल पर कुछ पंक्तियां गुनगुनायी गई।

अशिक्षा की पीढ़ा मन में, दिल ही दिल में बसाए।

सरस्वती की बीड़ा का हरेक तार बजाए।।

स्कूल गए नहीं पर, विद्यालय अनेक बनाएं।

ज्ञान का प्रकाश घर-घर तक पहुचाएं।।

ऐसे कर्मयोगी को कोटि-कोटि प्रणाम..

कार्यक्रम का संचालन गोंदिया शिक्षण संस्था के सचिव पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रगीत के साथ किया गया।

समारोह में प्रमुख रुप से पूर्व विधायक श्री हरिहरभाई पटेल, पूर्व राज्यमंत्री श्री बंडूभाउ सावरबाधे, पूर्व राज्यमंत्री श्री विलास शृंगारपवार, पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र जैन, पूर्व सांसद श्री मधुकर कुकडे, विधायक श्री राजू कारेमोरे, विधायक श्री सहेसराम कोरोटे, विधायक श्री नरेंद्र भोंडेकर, विधायक श्री अभिजीत वंजारी, विधायक श्री विनोद अग्रवाल, पूर्व सांसद डॉ खुशाल बोपचे, विधायक श्री विजय राहंगडाले, गोंदिया नगराध्यक्ष श्री अशोक इंगले, श्री सुनील फुंडे, श्री अनिल बावनकर, श्री नामदेवराव उसेंडी, श्री नाना पंचबुद्धे, श्री धनंजय  दलाल, श्री रमेश डोंगरे, श्री विजय शिवनकर, श्री गंगाधर परशुरामकर, श्री जयेश पटेल, श्री दीपमभाई पटेल, श्री अजय वडेरा, श्री प्रशांत पवार, श्री दुनेश्वर पेठे, श्री सब्बीर विद्रोही व भंडारा- गोंदिया ज़िले के मान्यवर अतिथि व जिल्हे के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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