गोंदिया: माँ से बिछड़ा “लिटिल टाईगर” अब वनविभाग की देखरेख में, बाघिन माँ की तलाश में जुटी फारेस्ट टीम..

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रिपोर्टर। 04 फरवरी
गोंदिया। अपनी बाघिन माँ से बिछड़कर अलग-थलग जंगल में भटक रहा एक चार माह का नन्हा सा लिटिल टाइगर अब वनविभाग की देखरेख में सुरक्षित है। कल नन्हा शावक गोंदिया वनविभाग के गोरेगाँव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत पिंडकेपार, मुंडीपार क्षेत्र से दोपहर 4 बजे करीब गोंदिया-चंद्रपुर रेल लाइन क्रॉस कर जंगल में चला गया था, जिसके बाद उसकी सुरक्षा को लेकर लगातार मोनिटरिंग की जा रही थी।
 मां से बिछड़े इस लिटिल टाइगर की मॉनिटरिंग हेतु लोकल टीम गठित की गई। रात्रि में बाघ के इस शावक को रामटोला गाँव के समीप जंगल से लगे एक पोल्ट्रीफार्म में देखा गया। फारेस्ट टीम ने रेस्क्यू कर शावक को अपने देखरेख में लिया।
4 फरवरी को गोंदिया वनविभाग के उपवनसंरक्षक कुलराज सिंह, सहायक उपवन संरक्षक (तेंदू व कैम्प) आर. आर. सदगीर, गोरेगाँव के वनपरिक्षेत्र अधिकारी पीएल साठवने, मानद वन्यजीव रक्षक मुकुंद धुर्वे, सावन बहेकार की निगरानी में बिछड़े नन्हे शावक का पशु चिकित्सक अधिकारियों की टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच की गई। लिटिल टाइगर पूर्णतः स्वस्थ्य व तंदरूस्त है।
माँ से बिछड़े इस शावक की सुरक्षा को लेकर
वनविभाग, वन्यजीव एवं एफडीसीएम व अन्य लोकल कर्मियों की 10 टुकड़ियों को बाघिन की खोज पर लगाया गया है। जंगल में खोज हेतु ट्रेप कैमरे लगाए गए है। ये संपूर्ण गतिविधि राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण नई दिल्ली (NTCP) द्वारा निगर्मित मानकों व कार्यपद्धति के आधार पर की जा रही है।

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