नागझिरा अभयारण्य के अधिकारियों की बदसलूकी कार्रवाई: बिना पूर्व नोटिस दिए केंटीन टेंडर किया रद्द, रात्रि ही कैंटिन चालक को निकाला जंगल बाहर

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गोंदिया : नागझिरा वन्य अभ्यारण्य में शासकीय निविदा अनुसार पिछले दो वर्षों से एफडीसीएम अंतर्गत कैंटीन (उपहारगृह) चला रहे फिर्यादि मंगलदीप कृष्ण कुमार भावे निवासी चिचगाव तहसिल गोरेगांव जिला गोंदिया को बिना कोई पूर्व सूचना आदेश जारी किए अचानक कैंटीन टेंडर रद्द कर रात्रि में बाहर निकाले जाने का मामला सामने आया है।
फिर्यादि की शिकायत अनुसार के अनुसार दिनांक ३०/११/२०२१ रात करीब ११:३० बजे के दरम्यान ( RFO) आर.एफ.ओ. वि. एम. भोसले कैंटीन में आये एवं कोई भी जानकारी ना देते हुए ना कोई पत्र देते हुए काम करने वाले वर्कर एवं कैंटीन चालक के भाई को जंगल के बाहर खुले जंगल में निकाल दिया।
फिर्यादि के भाई ने विनंती की की हम कल सुबह कैंटीन के बाहर निकल जाएंगे, अभी रात का समय है अभी मत निकालो। लेकिन अधिकारी ने अपनी मनमानी चलाते हुए कहा कि, डीएम सर वैसे ही उपसंचालक का आदेश है ऐसे बता कर जोर जबरदस्ती से पंचनामा पर दस्तखत लेकर निकाल दिया।
फिर्यादि का कहना है की दिनांक ३०/११/२०२१ को शाम ४ बजे रिसोर्ट मैनेजर अमित लोखंडे ने किराया रकम 71 हजार 500 रुपए जमा किया है। वह अपने गांव जा रहे थे तभी डी.एम. नितिन कुमार सिंह इनका फोन आया उन्होंने कहा कि तुम्हारी कैंटीन की निविदा खारिज की गई है ऐसा बताया। वैसे ही उन्होंने कहा कि तेरी कैंटीन चलाने की औकात नहीं है ऐसा बोलकर अश्लील व जातिवाचक शब्दों का प्रयोग कर अभी के अभी कैंटीन बंद कर के चला जा नहीं तो तुझे मैं मार के तेरा सामान बाहर फेंक दूंगा और तेरी डीडी और सामान भी वापस नहीं देता ऐसा कहा।
गौरतलब है कि फिर्यादि को शासन निविदा मंजूर के बाद कार्यक्रम आदेश मिलने के ठीक 18 दिन बाद वनविभाग की मंजूरी मिलने हेतु 3 दिन लगे। फिर अचानक पूर्व नोटिस दिए केंटीन निविदा रद्द कर दी गई। फिर्यादि ने आरोप लगाया कि नए केंटीन धारक को एक ही दिन में सारी प्रक्रिया के साथ कैसे वर्क आर्डर जारी कर दिया गया.?
इस मामले पर एकाएक हुई कार्रवाई, केंटीन संचालक से की गई बदसलूकी एवं एक ही दिन में नए व्यक्ति को केंटीन जारी करने के आदेश को लेकर शिकायत वनसंरक्षक व क्षेत्र संचालक नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प आरक्षित क्षेत्र आर. एम. रामानुजम को दी गई है।

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