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सवांददाता: 05 जुलाई
मुंबई : विधानसभा के पहले दिन भाजपा विधायकों द्वारा मेज अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ बदसलूकी करने के आरोप में भाजपा के 12 सदस्यों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. इनमें पूर्व मंत्री आशीष शेलार, गिरीश महाजन, जयकुमार रावल और संजय कुटे शामिल हैं।
विधानसभा सत्र के पहले दिन आज खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी आरक्षण पर एक प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव में केंद्र सरकार से इंपीरियल डाटा प्राप्त करने की मांग थी। इसका भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। उस समय कुछ सदस्यों ने हॉल में हंगामा किया। मेज अध्यक्ष के सामने माइक व राजदंड छीनने का प्रयास किया गया। सदन स्थगित होने के बाद भी ये सदस्य शांत नहीं हुए। उन्होंने अध्यक्ष कार्यालय में भी हंगामा कर अध्यक्ष का अपमान किया। टेबल अध्यक्ष ने खुद यह जानकारी देकर नाराजगी जताई।
भाजपा सदस्यों के इस कदाचार को गंभीरता से लेते हुए सत्ताधारी दल ने उन्हें निलंबित करने का फैसला किया। संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया। इसी के तहत भाजपा के 12 सदस्यों को एक साल के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। इनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भाटखलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, राम सतपुते, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे, कीर्तिकुमार (बंटी) भंगड़िया शामिल हैं। निलंबित सदस्यों को अगले साल के लिए मुंबई और नागपुर विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक लगाई गई है।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सदस्यों को निलंबित करने का फैसला जानबूझकर विपक्ष की ताकत को कम करने की चाल है। यह लोकतंत्र की हत्या है। यदि कुछ सदस्यों ने दुर्व्यवहार किया है, तो अध्यक्ष को उनसे चर्चा करनी चाहिए। फडणवीस ने कहा, ‘सीधे निलंबित करना उचित नहीं है। फडणवीस के इस बयान के बाद बीजेपी ने काम का बहिष्कार किया और विधानसभा से बाहर हो गए।