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प्रतिनिधि। 1 मई
गोंदिया। कोरोना को मात दे चुके लोगों के हाथों में अब दो जिंदगियों को बचाने का मौका है। प्लाज्मा दान करने से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। ऐसे में झाड़े कुणबी समाज जिल्हा सचिव निलेश चुटे, कोर कमेटी सदस्य प्रभाकर दोनोडे, गजानन डोये, काशीराम हुकरे, नितेश दोनोडे, सुरेश बहेकार, चिराग फुंडे, रामु चुटे, विजय बहेकार, राजेन्द्र पाथोडे, जितेंद्र शिवनकर ने कोविड से ठीक होने वाले मरीजों से अपील की है कि प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आएं।
विदेशों के बाद भारत में भी प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद आईसीएमआर ने इसको मंजूरी दे दी है। इस थेरेपी को कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कोविड से ठीक हो चुके जो लोग अपना प्लाज्मा दान करते हैं, उसमें एंटीबॉडी होती है। फिर यह प्लाज्मा जब किसी मरीज को चढ़ाया जाता है, तो एंटीबॉडी रोगी के शरीर में पहुंचकर वायरस से लड़ने लगती है। इससे मरीज की सेहत में सुधार होने लगता है।
चूंकि, इस प्लाज्मा को बनाया नहीं जा सकता है, इसे सिर्फ कोविड से ठीक होने वाले व्यक्तियों से दान में लिया जा सकता है। ऐसे में अब कोरोना को हराकर लौट आए लोगों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इनमें से कुछ को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
अध्यक्ष झाड़े कुणबी समाज संगटन उपाध्यक्ष डॉ. नोव्हील ब्रम्हणकर, प्राचार्य दीप्ति तावड़े, सचिव निलेश चुटे,राजेश दोनोडे, सुजता बहेकार, कुंदा दोनोडे, राजेश हुकरे, राहुल खोटेले,गौरव बहेकार ने कोविड से ठीक हो चुके नागरिकों को प्लाज्मा ज्यादा से ज्यादा डोनेट करने आगे आकर दान करने का आव्हान किया है। आपका प्लाज्मा ही किसी मरीज के लिए दवा का काम कर सकता है। प्लाज्मा दान करने से कुछ नुकसान नहीं होता है। ऐसे में किसी और व्यक्ति की जान कोरोना से न चली जाए, इसलिए अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्लाज्मा को दान करें।