गोंदिया: काटी में ग्रापं चुनाव का माहौल चरम पर, 5 वार्डों में 42 उम्मीदवार मैदान में…

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काटी में लगी सभी की निगाहें, स्थानीय चुनाव बना राजनीतिक गढ़..

राजेश तिवारी।
गोंदिया। विधानसभा क्षेत्र गोंदिया अंतर्गत 29 ग्रामों में ग्राम पंचायत के चुनाव आगामी 15 जनवरी को होने जा रहें है। इन ग्राम पंचायतों के चुनाव में सबसे अधिक ध्यान काटी नगर की ग्राम पंचायत में लगा हुआ है। राजनीतिक गढ़ होने से यहां कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, भाजपा, बसपा व अन्य पक्षों के समर्थित लोग चुनाव में भाग्य आजमा रहे है। वही क्षेत्र के निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल का चाबी संगठन भी मजबूती से खड़ा हुआ है।

इस चुनाव को लेकर काटी में राजनीतिक बाजार गर्माया हुआ है। काटी के 5 वार्डो में कुल 42 उम्मीदवार मैदान में है जो ग्राम के विकास को लेकर मतदाताओं को अपने आचार और विचारों से आकर्षित कर रहे है।

वार्ड अनुसार देखे तो यहां वार्ड नंबर 1 से अशोक गोखले, मंदा धार्मिक, सुषमा ऊके, मनीष लांजेवार, रंजू तिजारे, कमल निर्मोही, मुन्ना तुरकर, उमेश्वरी मात्रे, कविता तुरकर, वार्ड क्रमांक 2 से अदास दांदरे, मूलचंद देशकर, तेजलाल कावरे, भागरता जमरे, युवराज हीवारे, साधना चौहान, अजय जमरे, वार्ड नंबर 3 से अनिल मते, आशा सूर्यवंशी, कलवंती जमरे, हरि कटंगकार, निर्मला ऊके, उर्मिला ठाकरे, इंदु असाटी, बुधराम नागफासे, गीता गोंडाने, रविंद्र डूंभरे, वार्ड नंबर 4 से आशिफ शेख, संध्या चौहान, शिवप्रसाद भोयर, सुरेंद्र असाटी, जयश्री ऊके, कुमकुम असाटी, वार्ड नंबर 5 से अमृत तुरकर संजय गड़पायले, प्रमिला इनवते, धनीराम अंबुले, ज्योति टेकाम, रविंद्र गड़पायले, मोहन चौहान, मनीषा कोड़ापे ऐसे कुल 42 उम्मीदवार मैदान में है।

एक महिला उम्मीदवार वार्ड नंबर 4 से पुष्पा राजेश टेंभरे निर्विरोध निर्वाचित हुई है। यहां एक महिला उम्मीदवार के ऑनलाइन फॉर्म में त्रुटि होने के कारण ऐसा हुआ है। चुनाव में खड़े उम्मीदवारों ने अब घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए है। हर वार्ड में अलग-अलग पैनल बनाकर चुनाव लड़ा जा रहा है। साथ ही चुनाव में खड़े निर्दलीय उम्मीदवारों ने पैनल की नींद उड़ा रखी है। ग्राम पंचायत चुनाव में राजनीतिक पार्टियां प्रत्यक्ष रूप से आगे ना आकर पर्दे के पीछे से अपना खेल खेल रही है जबकि ग्राम पंचायत चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है।

गांव में अनेक प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगाए जा रहे हैं जिससे मतदाताओं का रूख अभी साफ नजर नहीं आ रहा है। चर्चा है कि अब मतदाता नए चेहरे को ग्राम पंचायत में देखना ज्यादा पसंद करना चाहते है, मगर चुनाव का परिणाम ही बताएंगा कि आखिर ग्राम पंचायत में किसका कब्जा होता है।

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