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मोदी सरकार का अहम फैसला: अनुसूचित जाति छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में बड़ी वृद्धि..
हक़ीकत टाइम्स। 8 जनवरी
गोंदिया। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति निधि में 59,000 करोड़ की भारी बढ़ोत्तरी करने से, इन छात्रों का उच्च शिक्षा को प्राप्त करने का मार्ग हक़ीकत में तब्दील में हो गया है। पूर्व सामाजिक न्याय और विशेष सहायता मंत्री राजकुमार बडोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा लिए गए छात्रों की शिष्यवृत्ति के अहम फैसले का पुरजोर स्वागत किया।
आज 8 जनवरी को शासकीय विश्राम गृह में सरकार के इस फैसले पर पत्रकार परिषद का आयोजन कर इसकी जानकारी दी। इस दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष केशवराव मानकर, जेडी जगनीत, शेषराव गिरेपुंजे, संजय टेम्भरे, धनलाल ठाकरे, लिल्हारेजी, संजीव कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।
पूर्व मंत्री श्री बडोले ने आगे कहा कि अब तक केंद्र सरकार की पीएमएस-एससी योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर्याप्त नहीं थी। छात्रवृत्ति के वितरण में भ्रष्टाचार की भी शिकायतें प्राप्त थीं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति निधि में पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि की है। छात्रवृत्ति के पारदर्शी वितरण को सुनिश्चित करने के लिए, छात्रों की पात्रता, आधार पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र और बैंक विवरणों की पुष्टि करके निधि ऑनलाइन वितरित की जाने की जानकारी प्रदान की।
बडोले ने कहा कि 2017 से 2020 के बीच, अनुसूचित जाति के छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के लिए सालाना 1100 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे थे। अब, अगले पांच वर्षों में, निधि को बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। इस फंड में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 60 फीसदी है और राज्य सरकारों को 40 फीसदी खर्च करना होगा।
पीएमएस-एससी को पहले से ही योजना के लिए अपनी निधि बढ़ाने की उम्मीद थी। हालाँकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने आंबेडकर, फुले-शाहू महाराज के नाम पर केवल राजनीति की है। इन लोगों ने अनुसूचित जातियों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए। जबकि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना में भारी बढ़ोत्तरी कर छात्रों के सीखने के लिए रास्ता खोल दिया है। इस योजना से शिक्षाविदों को लाभ होगा जो दसवीं के बाद पैसों की तंगी की कमी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते थे। अब उन छात्रों के सामने बड़ा सुनहरा अवसर प्रदान हो गया है। बड़ोले ने छात्रों को बड़ी संख्या में इस योजना का लाभ उठाने की अपील भी की।