गोंदिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं पेशे से वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट विनोद जैन ने आज प्रस्तुत केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर इस बजट को आम नागरिकों के लिए निराशाजनक बजट बताया।
श्री जैन ने कहा, बजट में किसानों की आय २०२२ तक दोगुनी करने के लिए कोई कारगर योजना नहीं, बेरोजगारी दूर करने और केंद्र सरकार के साढे़ सात लाख पदों को तुरंत भरने के लिए कोई रोड मैप नहीं।
डिजिटल शिक्षा की सुध कोविड के कारण दो वर्ष खराब हो जाने के बाद आई। हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का वादा करने वाले अब सिर्फ 60 लाख नौकरियों की बात कर रहे हैं। पोस्ट ऑफिस की नयी भूमिका की घोषणा जैसी पिछले वर्षों की घोषणाएं नये तरीके से फिर घोषित की गईं लेकिन उनके लिए आर्थिक नियोजन अपर्याप्त किया गया है।
बजट भाषण में पिछले वर्ष के बजट की उपलब्धियों पर चर्चा नहीं, इस वर्ष क्या करेंगे उस पर चर्चा नहीं, हर बात अगले तीन साल, पांच साल और पच्चीस साल की। जबकि ये सालाना बजट है जिसमें सरकार आनेवाले एक वर्ष में क्या करेगी कितना रुपया अलग अलग क्षेत्रों में ख़र्च करेगी और विभिन्न सामाजिक वर्गों एवं आयु वर्गों के कल्याण हेतु क्या करेगी ये बताना चाहिए।
आम आदमी की जीवन रेखा रेल्वे के बारे में बस एक घोषणा वो भी इस साल के लिए नहीं अगले तीन साल में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। और पेट्रोल के उत्पादन पर 2 रुपये की वृद्धि उपभोक्ताओं पर भार डालेगी।
ये सालाना बजट आंकड़ों की जादूगरी और घोषणाओं के मायाजाल के साथ बड़ा अजब गजब है.. हर वर्ग के लिए निराशाजनक है।