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रिपोर्टर। 25 अक्तूबर
गोंदिया। आज 25 अक्तूबर को गोंदिया के विशेष सत्र न्यायालय ने वर्ष 2022 में एक मासूम बच्ची के साथ हुए लैंगिक अत्याचार के मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए समाज के लिए कलंकित आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन (मरते दम तक) की कठोर सजा सुनायी।
आरोपी लोकेश खटोले उम्र 21 वर्ष निवासी सड़क अर्जुनी को ये सजा धारा 376 (एबी) भादवि, धारा 6 पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत सुनाई गई।
वर्ष 2022 के जुलाई माह में 6 वर्षीय पीड़िता की माँ द्वारा डुग्गीपार थाने में मामला दर्ज किया गया था। आरोपी लोकेश खटोले ने 24 जुलाई के शाम के दौरान पीड़िता को अपने बालसाथियों के साथ गाँव के मंदिर समीप खेलता देख उसे दांत घसने की दतून की लकड़ी लेकर आते है कहकर आरोपी ने गाँव के बाहर तालाब की पार पर ले गया। आरोपी ने खुद के और पीड़िता के कपड़े उतारे और पीड़िता के साथ गंभीर लैंगिक अत्याचार किया।
इस घटना से पीड़िता की रोने की आवाज समीप एक महिला को सुनाई दी। महिला द्वारा घटना का संज्ञान लेने पर एक गंभीर घटना होने से बच गई। महिला ने इसकी जानकारी पीड़िता की माँ को और गाँव के नागरिकों को दी, जिसके बाद डुग्गीपार थाने में फिर्यादि की माँ द्वारा आरोपी लोकेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
इस मामले पर दर्ज रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जांच अधिकारी एपीआई प्रमोद बाबोडे व एसडीपीओ देवरी विजय भिसे ने संपुर्ण जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की।
उक्त मामले पर आरोपी पर दोषसिद्ध करने सरकार की ओर से जिला सरकारी वकील व सरकारी अभियोक्ता महेश चंदवानी ने कुल 12 साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये। जिसमें अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता कृष्णा डी. पारधी ने अभियोग पक्ष को सहयोग किया।
इस मामले पर मा. श्री एन. बी. लवटे तदर्थ जिला न्यायाधीश-1 व विशेष सत्र न्यायाधीश गोंदिया ने दोनों पक्षों के युक्तिवाद के पश्चात सरकारी वकील के सभी सबूतों, गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट को ग्राहय मानते हुए आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इतना ही नही, कोर्ट ने 5 हजार रु. दंड, दंड न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भी सुनाई।