गोंदिया का गौरव बना अनुदीप, महज साढ़े तीन साल की उम्र में ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में नाम दर्ज..

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जिले में पहला बालक जिसने कम उम्र में उपलब्धि हासिल करने का खिताब जीता..

जावेद खान।
गोंदिया। जिस उम्र में बच्चे उठना, बैठना, चलना और बोलना सीखते है उस उम्र में एक होशियार बालक ने अपनी कौशल बुद्धि का परिचय देकर महज साढ़े तीन साल जी उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने का गौरव प्राप्त किया है। उसकी इस उपलब्धि से पूरे जिले का सिर भारत देश में फक्र से ऊंचा हो गया है।
इस बालक का नाम है अनुदीप अंकुश चौहान (उम्र 3 साल 6 माह), हाल मुकाम गोरेगाँव, जिला गोंदिया। बालक के पिता अंकुश चौहान मूल रूप से नांदेड़ जिले के माहुरगड़ तहसील क्षेत्र के आमनाला के निवासी है। वे गोरेगाँव में बुलढाणा अर्बन बैंक में व्यवस्थापक के पद पर है।
गोरेगाँव आने के बाद अंकुश चौहान ने अपने दो साल के बेटे का गोरेगाँव स्थित मॉडल कान्वेंट स्कूल में दाखिला नर्सरी में कराया था। नर्सरी में जाने के बाद स्कूल की मैडम ने पिता अंकुश व माता पूनम चौहान से कहा था कि अनुदीप पूरी स्कूल में सबसे अधिक होशियार है, उस पर ध्यानकेन्द्रित करें।
अनुदीप के पिता अंकुश चौहान कहते है कि, अनुदीप, खेलने की उम्र में वो घर आने के बाद सिर्फ पढ़ाई में ध्यानकेन्द्रित करता था। उसे मोबाइल से दूर रखा गया। जो भी सुनता उसे अपनी मेमोरी में ऐसे फिट करता था जैसे वो कंप्यूटर हो। उसे 200 से अधिक जनरल नॉलेज के प्रश्न मौखिक याद है। 1 से 100 तक गिनती फर्राटे से सुनाता है। देश, विदेश की अधिक से अधिक जानकारी उसे मौखिक याद है। उसे जो भी सुनाया या सिखाया गया वो सब इस कम उम्र में उसके मेमोरी में फिट है।
अनुदीप को इसी स्मृति कौशल के लिए ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ द्वारा सम्मानित कर उसका नाम दर्ज किया गया है। अनुदीप गोंदिया जिले में इकलौता है जिसने कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल की।
 ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने अनुदीप को उन्हें उनकी क्षमता के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया है। महज साढ़े तीन साल में किए गए इस कर्तव्य के लिए उनकी व्यापक रूप से सराहना की जा रही है और ये गोंदिया जिले के लिए गर्व की बात है।

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