435 Views
प्रतिनिधि।
गोंदिया। अपने प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वआलेही वस्सलम के आमद (पैदाईश दिवस) 12 रब्बीउल अव्वल, को हर वर्ष मुस्लिम समाज हर्षोल्लास के साथ गोंदिया शहर में जश्न और जुलूसों के साथ आयोजन करते आ रहे है। परंतु इस वर्ष कोविड-19 संक्रमण के चलते एहतियात के तौर पर इसे शासन-प्रशासन से जारी दिशा निर्देशों के तहत सादगी तरीके के 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
मरकज़ी सीरतुन्नबी कमेटी, गोंदिया के अध्यक्ष मोहम्मद इरफान कलाम खान एवं मुस्लिम जमात, गोंदिया के अध्यक्ष खालिद यूसुफ पठान द्वारा एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुस्लिम समाज से अपील की गई कि, इस साल जश्ने ईद मिलादुन्नबी अपने घरों में रहकर बारगाहे रिसालत में खिराजे अकीदत पेश करे और अपने मुल्क की हिफाजत व अमनो-अमान के लिए दुआ-ए-खैर करें।
मरकज ने कहा 12 रब्बीउल अव्वल यानी 30 अक्टूबर 20 को हुजरे अकरम मोहम्मद (स.अ. व) की आमद पर परचम कुशाई व फ़ातेहाखानी सुबह 9.30 बजे ईदगाह मैदान, गोंदिया में अदा की जाएगी। इस दौरान सरकारी नियमों के पालन के तहत ही 4-5 उलेमाओं की उपस्थिति रहेगी।
मरकजी सीरतुन्नबी कमेटी ने कहा, इस बार जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर किसी भी तरह का आयोजन नहीं होगा। जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा। कोविड-19 के तहत सरकार के तमाम दिशा निर्देशों का निष्ठा से पालन कर सभी लोग पैगंबर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की आमद का जश्न मनाए। सुरक्षित दूरी का पालन करें एवं मास्क पहनकर सावधानी बरतें।
मरकज ने कोविड को देखते हुए बाइक रैली, जुलूस आदि निकालने पर पाबंदी की है। इसके बावजूद अगर कोई रैली, जुलूस निकालता है तो उसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे ऐसा भी कहा। इस दौरान मुस्लिम समाज के जनाब मेहताब भाई, हाजी जमील सिद्दीकी, जनाब जहांगीर सिद्दीकी आदि उपस्थित थे।