गोंदिया: 3 करोड़ 30 लाख के हेराफेरी प्रकरण में संस्थाध्यक्ष नागमोती को हाईकोर्ट से मिली जमानत

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जागृति सहकारी पतसंस्था, मुंडिकोटा का मामला, 6 हजार 335 खाताधारकों के साथ हुई थी धोखाधड़ी..

प्रतिनिधि। 19 जून
गोंदिया। जिले के तिरोडा तहसील अंतर्गत ग्राम मुंडिकोटा में संचालित रही जागृति सहकारी पतसंस्था द्वारा खाताधारकों से विश्वासघात कर उनकी जमापूंजी वापस न कर उसमें हेराफेरी करते हुए 3 करोड़ 30 लाख 71 हजार 325 रुपये डकारने के आरोप में संस्था अध्यक्ष नागमोती को नागपुर हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
नागमोती को जमानत मिलने से हजारों खाताधारकों में मायूसी छाई हुई है। इस मामले में संस्थाध्यक्ष आरोपी भाऊराव नागमोती (उम्र 56 साल) पर तिरोडा थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी 2 जनवरी 2021 को हुई थी। नागमोती ने इसके पूर्व जिला सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी जो रद्द कर दी गई थी। अब डेढ़ साल बाद उसे मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खण्डपीठ से 1 लाख के मुचलके पर जमानत मिली हैं।
गौरतलब है कि इस पत संस्था में अध्यक्ष सहित, 13 संचालक, 1 कार्यकारी मुख्याधिकारी, 11 ब्रांच अधिकारी कार्यरत थे। खाताधारकों की संख्या 6 हजार 335 थी। पत संस्था में रखी अपनी जमा पूंजी जब खाताधारकों ने वापस मांगी तो, उन्हें नही मिली, जिसके चलते संस्था के खिलाफ उपनिबंधक सहकारी संस्था, गोंदिया में शिकायत दर्ज कराई गई थीं।
शिकायत के बाद जिला उपनिबंधक कार्यालय ने उप लेखापरीक्षक को भेजकर अंकेक्षण अहवाल तैयार करने के निर्देश दिए थे। अहवाल में 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2019 की कालावधि में गड़बड़ी पाई गई। पाया गया कि आरोपी संस्था ने उपविधिनुसार संस्था के कार्य को अंजाम नहीं दिया। बड़े पैमाने में कर्ज वितरण किया गया। फिक्स डिपॉजिट, डेली डिपॉजिट जमाकर्ताओं की रकम स्वीकार कर उस रकम को विनियोग कर्ज वितरित, जमा, नकद आदि न करते हुए कार्यालयीन कर्मचारियों को वेतन, जमाकर्ता उपहार खर्च, मानधन,मजदूरी, पेंटिंग, इमारत सजावट, कम्प्यूटर रिपेरिंग खर्च, अभिकर्ता-कर्मचारी, मार्गदर्शक, बोनस, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, संस्था भविष्य निधि आदि में लागत से अधिक अनाप शनाप खर्च कर 3 करोड़ 30 लाख 71 हजार 325 रुपये की हेराफेरी की गई।
इस मामले पर तिरोडा थाने में भादवि की धारा 406, 409, 420, 34 तथा सह कलम 3, 4, महाराष्ट्र जमाकर्ता हित सम्बंध के संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

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