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संपूर्ण महाराष्ट्र में सिर्फ 11 लाख क्विंटल धान खरीदी की मर्यादा, अकेले गोंदिया जिले में धान की उपज 30 लाख क्विंटल से अधिक- पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन
प्रतिनिधि। 27 मई
गोंदिया। केंद्र सरकार द्वारा 22 अप्रैल 2022 को जारी पत्रानुसार संपूर्ण महाराष्ट्र में सिर्फ 11 लाख क्विंटल धान खरीदी की मर्यादा निर्धारित की है, जबकि अकेले गोंदिया जिले में ग्रीष्मकालीन धान की उपज 40 लाख क्विंटल होती है। ऐसे में केंद्र सरकार ने धान उत्पादक किसानों के पेट में लात मारकर उसके साथ अन्याय करने का कार्य किया है। धान को लेकर विदर्भ के अनेक जिलों में किसानों में अंसतोष की भावना देखी जा रही है। आज 27 मई को गोंदिया और भंडारा जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा अनेक जगहों पर केंद्र सरकार के इस किसान विरोधी निर्णय के विरोध में बैलबंडी मोर्चा, निकालकर प्रदर्शन किया गया।
गोंदिया जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन, विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे, जिलाध्यक्ष गंगाधर परशुरामकर, किसान आघाडी जिलाध्यक्ष योगेंद्र भगत के नेतृत्व में महात्मा ज्योतिबा फुले चौक, फुलचुर गोंदिया से बैलबंडी मोर्चा निकालकर आंदोलन किया। बड़ी संख्या में किसानों ने उपस्थिति दर्ज कराकर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति का विरोध कर नारेबाजी की। मोर्चा जिलाधिकारी कार्यालय परिसर पर जाकर रुका एवं जिलाधिकारी गोंदिया को निवेदन दिया गया।
एनसीपी नेताओं ने कहा, राज्य में अकेले गोंदिया जिले में 68 हजार हेक्टर पर किसान ग्रीष्मकालीन धान की उपज लेते है। राज्य सरकार के कृषि विभाग के अंदाज अनुसार जिले में धान उत्पादकता करीब 45 क्विंटल होती है। प्रत्येक वर्ष गोंदिया जिले में इस सीजन में 22 से 25 लाख क्विंटल धान शासकीय आधारभूत केंद्रों पर खरीदी किया जाता है। इस वर्ष भी इस सीजन में करीब 30 लाख क्विंटल धान खरीदी होने की संभावना है। परंतु केंद्र सरकार ने 22 मई 2022 को पत्र जारी कर संपूर्ण महाराष्ट्र में सिर्फ 11 लाख क्विंटल धान खरीदी की मर्यादा निर्धारित की है। इस आदेश से किसानों के पैरों तले जमीन खिसक गई है।
इस आदेश के तहत 30 लाख क्विंटल खरीदी की जगह अब गोंदिया जिले में सिर्फ 4 लाख 79 हजार धान की खरीदी होगी, तो बाकी की धान की लाखों उपज कहा बेचेंगे किसान?? जिले को जो मर्यादा दी गई है वो इस मर्यादा के तहत धान खरीदी कर पोर्टल बंद हो जाएगा, ऐसे में किसान के सामने बड़ा संकट निर्माण हो गया है।
एनसीपी नेताओ ने कहा, ये आम नागरिकों को महगाई के साथ किसानो पर अत्याचार है। खेती कार्य के लिए लगने वाले डीजल के भाव को आसमान पर चढ़ा दिया। रासायनिक खाद, बीज, कीट नाशक के भाव भी आसमान छू रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार सिर्फ अन्याय पर अन्याय ही कर रही है। केंद्र की इस गलत को अब किसान बेहतर समझ गया है अगर धान खरीदी की मर्यादा को नही बढ़ाया गया तो आगे तीव्र आंदोलन कर किसानों के हक और अधिकार के लिए राष्ट्रवादी सड़क पर उतरकर संघर्ष करते रहेगी।
इस आंदोलन व मोर्चे के दौरान पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन, आमदार मनोहर चंद्रीकापुरे, गंगाधर परशुरामकर, देवेंद्रनाथ चौबे, यशवंत गणवीर, नरेश माहेश्वरी, योगेन्द्र भगत, पुजा सेठ, रविकांत बोपचे, निरज उपवंशी, राजलक्ष्मी तुरकर,राजू एन जैन, अशोक सहारे, डॉ.अविनाश जायस्वाल, केतन तुरकर, सुरेष हर्शे, मनोज डोंगरे, प्रभाकर दोनोडे, रफीक खान, विशाल शेंडे, कुंदन कटारे, बाळकृश्ण पटले, किशोर तरोणे, प्रेम रहांगडाले, अविनाश काशिवार, लोकपाल गहाणे, सी.के.बिसेन, गोपाल तिराले, केवल बघेल, अखिलेश सेठ, सुनील भालेराव, सचिन शेंडे, हेमंत पंधरे, विजय रगडे, जुनेद शेख, राजेश कापसे, वेनेश्वर पंचबुद्धे, मदन चिखलोंढे, जगदीश बावनथळे, किरणकुमार पारधी, डी यु रहांगडाले, घनश्याम मस्करे, राजेश भक्तवर्ती, रवी पटले, विजय रहांगडाले, सुनील पटले, शैलेश वासनिक, विनायक शर्मा, प्रतीक पारधी, शिवलाल नेवारे, शंकरलाल टेम्भारे, राजेश जमरे, सुशीला भालेराव, पूजा सेठ, अष्विनी पटले, नेहा तुरकर, अनिता तुरकर, ललिता पुंडे, किरण कांबळे, रिता लांजेवार, रजनी गिऱ्हेपुंजे, ममता बैस, रजनी गौतम, सविता पटले, उषा मेश्राम, सुरेंद्र रहांगडाले, कृष्णकांत बिसेन, जगदीश बहेकार, भय्यू चौबे, डॉ संदीप मेश्राम, उद्धव मेहंदळे, नरेश असाटी ,राकेश जयस्वाल, गोविंद तुरकर, राजेश तुरकर, गोविंद लिचडे, नानू मुदलियार, एकनाथ वाहिले, सौरभ रोकडे, सोनू राय, चंद्रकुमार चुटे, लव माटे, राज शुक्ला, विक्की भाकरे, नागो बन्सोड, प्रतीक भालेराव, लखन बहेलिया, कमलेश बारेवार, कान्हा बघेले, नरेंद्र बेलगे, रौनक ठाकूर, राजू येडे, वामन गेडाम सहित सैकड़ों किसान, महिला, युवाओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर विरोध प्रकट किया।