गोंदिया न्यायालय का फैसला: 17 वर्षीय पीड़िता को प्रेमजाल में फांसकर लैंगिक छल करने पर आरोपी को 1 साल की कठोर सजा..

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प्रतिनिधि। 08 फरवरी
गोंदिया। 17 वर्षीय पीड़ित लड़की को प्रेमजाल में फांसकर उसे भगा ले जाने व उसके साथ लैंगिक छल करने के आरोप में आज 8 फरवरी 2022 को गोंदिया न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई, प्रस्तुत सबूतों व गवाहों के बयान के आधार पर अंतिम फैसला सुनाते हुए आरोपी को 1 साल की सश्रम कारावास व 900 रुपये दंड की सजा सुनाई।
इस मामले पर सरकार की तरफ से इस प्रकरण की पैरवी विशेष सरकारी वकील एड. कृष्णा डी. पारधी ने की। उन्होंने न्यायालय के समक्ष 11 गवाह प्रस्तुत किये। आरोपी की उम्र, वैद्यकीय सबूतों व न्यायालय में प्रस्तुत सत्य परिस्थितियों को देख अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए मा. न्यायालय श्री एस ए. ए. आर. ओटी प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा विशेष सत्र न्यायाधीश गोंदिया ने आरोपी रामेश्वर उर्फ रामु सुखदेव राऊत उम्र 25 वर्ष निवासी पिंडकेपार तहसील तिरोडा को भादवि की धारा 354, 363, 366 के तहत प्रत्येक 1-1 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
ये था प्रकरण..
ये प्रकरण 8 मार्च 2014 का है। 17 वर्षीय पीड़ित लड़की अपनी सहेली के साथ भूगोल विषय का पेपर देने सिद्धार्थ हाईस्कूल ठानेगाव गई थी। पेपर छूटने के बाद उसे आरोपी रामेश्वर राउत मिला। आरोपी ने प्रेम का झांसा देकर उसे अपने साथ कालिपीली टैक्सी से तिरोडा, गोंदिया एवं छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ ले गया। पीड़िता से पुराने प्रेम सम्बंध के चलते आरोपी ने गलत फायदा उठाया और उसे बल्लारशाह लेकर गया एवं उसके साथ लैंगिक छल किया।
इस सम्बंध में पीड़ित की माँ ने आरोपी द्वारा उसकी बेटी को भगा ले जाने पर तिरोडा थाने में 10 मार्च 2014 को शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी व पीड़ित को बल्लारशाह से पकड़कर थाने में हाजिर किया। एसडीपीओ दीपक गिरहे व अजित कुंभार ने संपूर्ण जांच कर न्यायालय के समक्ष चार्जशीट पेश की थी।
मा. न्यायालय श्री एस ए. ए. आर. ओटी प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा विशेष सत्र न्यायाधीश गोंदिया ने आरोपी रामेश्वर उर्फ रामु सुखदेव राऊत उम्र 25 वर्ष निवासी पिंडकेपार तहसील तिरोडा को भादवि की धारा 363 अंतर्गत 1 साल व 200 रुपये दंड, दंड न भरने पर 7 दिन की अतिरिक्त सजा, भादवि की धारा 366 के तहत 1 साल व 200 रुपये दंड व दंड न भरने पर 7 दिन की सजा, भादवि की धारा 354 के तहत 1 साल की सजा व दंड न भरने पर 7 दिन की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
इस प्रकरण को पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे के मार्गदर्शन में पैरवी अधिकारी पुशि शंकर साठवने पुलिस स्टेशन तिरोडा, मपुशि सुनीता लिल्हारे ने कामकाज संभाला।

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