माँ सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती मनाई सावित्रीबाई सब्जी विक्रेता संघ, गोंदिया द्वारा..
प्रतिनिधि। 03 जनवरी
गोंदिया। महिलाओं के हक अधिकार के लिए, बालविवाह की रुढ़िवादी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाली एवं सभी वर्गसमाज की महिलाओं को साथ लेकर शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाली देश की प्रथम महिला शिक्षिका, वरिष्ठ समाजसेविका क्रांति ज्योति माता सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती गोंदिया के सावित्रीबाई सब्जी विक्रेता संघ द्वारा 03 जनवरी को धूमधाम से मनाई गई।
इस जयंती दिवस के अवसर पर मुख्य बाजार क्षेत्र में जयंती निमित्त कार्यक्रम का आयोजन सब्जी विक्रेता संघ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में शिवसेना के जिला सहसम्पर्क प्रमुख मुकेश शिवहरे ने माता सावित्रीबाई फुले के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर विनम्र अभिवादन किया।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष कृष्णकुमार लिल्हारे, सचिव राजू नागरीकर, गोपी बनकर, वही अतिथियों में सुनील लांजेवार, रितेश गर्ग, रिंकू आसवानी, रवि ठकरानी, राजेश येटरे, राजेश सोनवाने, राजू देशमुख, सोनू सोनकुसरे, वामन भावळे, संजु गायधने, भीमराव नंदेश्वर, उमेश खाखरे, अंजुबाई, मंजुबाई, छाया देशकर, तौफीक शेख, जब्बार भाई, नंदू अग्रवाल आदि समेत अनेक नागरिको ने भी माता सावित्रीबाई को पुष्प अर्पित कर अभिवादन किया।
इस अवसर पर सब्जी विक्रेता संघ के मुख्य मार्गदर्शक मुकेश शिवहरे ने क्रान्तिज्योति माता सावित्रीबाई फुले के जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, कहा की माता सावित्रीबाई फुले देश की क्रांति ज्योति थीं। उन्होंने तत्कालीन रूढ़िवादी समाज में नारी शिक्षा के लिए एक जनवरी 1848 को नौ बालिकाओं को लेकर पुणे में कन्या पाठशाला की शुरुआत कर अभूतपूर्व कार्य किया। लोगों के विरोध के बावजूद वे निरंतर शिक्षा के प्रचार प्रसार में लगी रहीं।
विधवा विवाह, छुआछूत, अंधविश्वास के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया। उनकी प्रेरणा से नारी शिक्षा को बढ़ावा मिला। सावित्री बाई ने सभी वर्ग व समाज की महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया। इसके लिए देश की महिलाएं हमेशा उनकी ऋणी रहेंगी। सावित्री बाई ने उस समय समाज में शिक्षा की जोत जलाई, जब समाज में महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था। तब उन्होंने शिक्षक बन के पूरे समाज में एक मिसाल कायम की और फिर महिलाओं को शिक्षित बनाया।
इस अवसर पर सब्जी विक्रेता संघ द्वारा मिठाई बांटी गई, वही अल्पाहार वितरीत कर जयंती को धूमधाम से मनाया गया।