वर्ष 2014 में दवनिवाड़ा थाना क्षेत्र में घटी थी घटना, शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता कृष्णा पारधी ने की पैरवी..
प्रतिनिधि। 20 सितंबर
गोंदिया। एक नाबालिग लड़की से अपनी पुलिसिया वर्दी का रौब बताकर जबर्दस्ती कर तथा उसके साथ लैंगिक दुष्कर्म करने के मामले पर आज 20 सितंबर को अतिरिक्त जिला सह न्यायाधीश तथा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोंदिया, शुभदा द. वळणकर ने तमाम दलील, साक्ष्य व सबूतों के आधार पर अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल कैद की सजा व 50 हजार रुपये दंड की सजा सुनाई है।
ये फैसला 7 साल बाद आया है, जिसकी पैरवी सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता कृष्णा डी. पारधी ने की। आरोपी द्वारा नाबालिग पीड़िता से छेड़खानी, लैंगिक अत्याचार व जान से मारने की धमकी देने पर पीड़िता ने वर्ष 2014 में इसकी शिकायत जिले के दवनिवाड़ा थाना में दर्ज कराई थी। जिसमें दवनिवाड़ा पुलिस ने पीड़िता की वैधकीय जांच, गवाहदार के बयान आदि की जांच के बाद आरोपी को दोषी पाया था। और उसपर भादवि की धारा 376(2), (आय)(एम), 506, सह कलम 4,6 पोक्सो एक्ट 2012 अंतर्गत 21 मार्च 2014 को अपराध दर्ज किया था।
पीड़िता के बयान अनुसार दवनिवाड़ा थाना में कार्यरत पुलिस सिपाही शिवपूजनसिंह सुरजनाथ बैस उम्र 52 निवासी शास्त्री वार्ड, गोंदिया द्वारा 23 फरवरी 2014 को शाम 7.30 के दौरान आरोपी के गोंदिया जाते समय गाड़ी रोककर पीड़िता के साथ शारीरिक छेड़खानी की थी, तथा इस बारे में घर में किसी को बताने पर उसके पूरे परिवार को मारने की धमकी देकर उसके साथ शारीरिक दुष्कर्म किया था।
इसके बाद आरोपी ने 14 मार्च 2014 को रात्रि 9.30 बजे जब पीड़िता शौच को जा रही थी, आरोपी ने आवाज लगाकर उसे रोका और उसके साथ जबर्दस्ती लैंगिक अत्याचार किया।
इस घटना के बाद से आरोपी पुलिस सिपाही फरार था। 6 जुलाई 2014 को दवनिवाड़ा पुलिस ने छत्तीसगढ़ राज्य के ग्राम बाराद्वार तहसील सक्ति जिला जांजगीर चांपा से उसे हिरासत में लिया व न्यायालय में पेश कर उसे गिरफ्तार किया गया।