338 Views
गोंदिया/भंडारा।
आज 29 मार्च हो गई। उम्मीदवारों के आवेदन वैध और अवैध भी मुक़र्रर हो गए। अब तो पिक्चर भी साफ हो गई। पर लोकसभा चुनाव में सन्नाटा पसरा पड़ा है।
43, 44 डिग्री का तापमान, गर्म थपेड़े चुनाव पर मंडरा रहे है। उम्मीदवार भी सड़कों पर AC वाली वातानुकूलित गाड़ियों में बैठकर कुछ गाँवो में शहरों में जाकर भेंट वार्ता कर रहे है पर चुनावी गतिविधियों में नागरिक बाहर न होने पर सन्नाटा ही सन्नाटा है।
उम्मीदवार अब गर्म सड़क पर उतरने की बजाय दिनभर सोशल मीडिया का ही सहारा ले रहे है। सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया तो चुनाव पूर्व से ही तपा हुआ है। पूरा चुनावी माहौल मीडिया पर ही गर्माया हुआ है।
कुछ लोग सोशल मीडिया पर बतियाते रहते है कि वर्तमान सांसद सुनील मेंढे को हमारे गाँव में कभी देखा ही नही। वो तो आये ही नही। कुछ जगह पर कहा जा रहा है कि मेंढे ने पांच साल में कितने भूमिपूजन किये उसके बोर्ड भी नजर नही आ रहे। कुछ लोग मेंढे की उम्मीदवारी पर नाखुश है।
कहते है कि, फलां उम्मीदवार होता तो बात ही अलग होती। पक्ष संगठन में जान आ जाती। यही हाल महाविकास आघाडी के उम्मीदवार को लेकर भी है। नाना पटोले को उम्मीदवार के तौर पर लोगो की बड़ी आशा थीं, पर उम्मीदवार बदलने से माहौल फीका हो गया।
भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से करीब 22 उम्मीदवार मैदान में है। खासबात ये है कि गोंदिया जिले की तीन विधानसभा सीटों में से एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है। इसलिए भी कहा जा सकता है कि यहां चुनावी रंग फीका ही है।
अधिकतर उम्मीदवार भंडारा जिले से होने के कारण वोट कटुआ की राजनीति ज्यादा चल रही है। एक उम्मीदवार तो भाजपा से नाराज होकर बसपा का उम्मीदवार ही बन बैठा। वोट बैंक की राजनीति भी हावी है। कुनबी, तेली, एससी, पोवार समुदाय के वोट पर सेंध लगाने का कार्य जारी है।
कुछ लोग मोदीजी की गारंटी पर आशीर्वाद मांग रहे है तो कोई मोदी की गांरटी को पलीता लगाने पर तुले हुए है।