मामला गोवारी समाज के लोगों को गोंड-गोवारी के नाम से आदिवासी जाती का प्रमाणपत्र देने के विरोध में…
प्रतिनिधि।
गोंदिया। गोंड-गोवारी के विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। फिर भी गोवारी जाती के उम्मीदवारों को गोंड-गोवारी के नाम से आदिवासी जाती के प्रमाण पत्र देने के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले कार्य कर रहे है। जबकि उनको इस प्रकार का कोई भी अधिकार नहीं है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। इस तरह की मांग की शिकायत ५ नवंबर को नेशनल आदिवासी पिपल्स फेडरेशन, गोंडवाना गोंड समाज संगठन सहित आदि आदिवासी संगठन गोंदिया की ओर से राज्यपाल को ऑनलाईन के माध्यम से की गई है।
शिकायत में कहा गया है कि गोंड-गोवारी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई। इस विषय को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य में कुछ अधिकारी गोवारी जाति के उम्मीदवारों को गोंड-गोवारी के नाम पर अनुसूचित जमाती के प्रमाण पत्र दे रहे है। जिसे विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले समर्थन देकर अधिकारियों को अनुसूचित जमाती के प्रमाण पत्र वितरित करने व आदिवासियों को सहुलियत देने के आदेश दे रहे है। इस तरह की बात निर्देश में आते ही आदिवासी संगठनों ने समर्थन का विरोध करते हुए मांग की गई है कि विधानसभा अध्यक्ष पटोले पर तत्काल रूप से कानून के तहत कार्रवाई की जाए। इस तरह की ऑनलाईन शिकायत नेशनल आदिवासी पिपल्स फेडरेशन , गोंडवाना गोंड समाज संगठन सड़क अर्जुनी द्वारा की गई है। शिकायत करते समय अध्यक्ष योगेश इडपाचे, अविनाश मडावी, यशवंत धुर्वे, योगराज मसराम सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
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