प्रतिनिधि।
गोंदिया। पिछले आठ साल से महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आमगांव शहर को नगर पंचायत से नगर परिषद की स्थापना को लेकर विवाद खड़ा कर मामला लंबित रख दिया है. इस कोर्ट प्रकरण के घसीटे में आमगांव सहित इसमें शामिल आठ गाँव के लोग केंद्र व राज्य की योजनाओं से वंचित हैं।
इस मामले पर पहले ही त्रस्त आमगांव नगर परिषद सँघर्ष समिति ने आठ गाँवो को मध्यप्रदेश में शामिल करने की गुहार लगा दी। अब उन्होंने आमगांव के मामले पर उद्धव ठाकरे शिवसेना गट के सांसद अरविंद सावंत व विधायक अमोल कीर्तिकर से न्याय की मांग की है।
संघर्ष समिति ने निवेदन सौंपकर सांसद सावंत व विधायक कीर्तिकर को अवगत कराते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आमगांव को नगर पंचायत व नगर परिषद में फंसाकर एक प्रशासक नियुक्त कर दिया है। यहां 2014 के बाद से आम चुनाव नहीं हुए। जनप्रतिनिधियों के चुनाव नहीं होने से योजनाओं हेतु विकास निधि स्वीकृत नहीं हुई, जिससे इस क्षेत्र का विकास नहीं हो सका।
उन्होंने कहा, सरकार व कोर्ट मसले से आज आठ गाँव को वर्षो से न्याय नही मिल पाना दुर्भाग्य की बात है। इन आठ गाव को उद्धव ठाकरे शिवसेना ने आवाज उठाकर न्याय देने की मांग संघर्ष समिती ने सांसद अरविंद सावंत एवं विधायक अमोल कीर्तिकर से की.
सांसद अरविंद सावंत एवं विधायक अमोल कीर्तिकर ने यह विषय गंभीरता से लेते हुए विधानमंडल के सत्र में यह सवाल उठाकर सरकार को कठघरे में खडा करेंगे ऐसा आश्वस्त किया।
निवेदन देते समय आमगांव संघर्ष समिति के
यशवंत मानकर ,रवी श्रीसगार, संजय बहेकार, उत्तम नंदेश्वर, जयप्रकाश शिवणकर, रितेश चुटे, भोला गुप्ता, मुन्ना गवळी, विजय नागपुरे, महेश उके, राहुल चुटे, प्रभादेवी उपराडे, बाळू वंजारी, पिंकेश शेंडे, राधाकिसन चुटे, चंदन बावणे, आनंद भावे, घनश्याम मेंढे, चिनू मेश्राम, विक्की बावणे, आदित्य मेश्राम, शुभम कावळे, रामदास गायधने, तुषार चचाने, प्रमोद शिवणकर, महेश उके,
सुनंदाताई येरने, जी.प.सदस्य छबुताई उके, डी. एम. टेभरे, राजेश मेश्राम, रामेश्वर श्यामकुवर, बाळा ठाकूर, राजेश सातनूरकर, उमेश चतुरर्वेदी, बबलू मिश्रा, राजीव फुंडे, रजनीश देशमुख, प्रा.वसंत मेश्राम, अनिल पाऊळझगडे आदी कार्यकर्ते उपस्थित थे।