जिला नियोजन समिति की सभा में गरमाये, मंदिर, क्रॉप लोन, सिटी सर्वे एवं नक्सलमुक्त तहसील करने के विरोध में मुद्दे
प्रतिनिधि। 30 अप्रैल
गोंदिया। आज जिलाधिकारी कार्यालय में संपन्न हुई जिला नियोजन समिति की सभा गहमागहमी से भरी रही। गोंदिया शहर के सिटी सर्वे, क दर्जे के धार्मिक पर्यटन स्थल, क्रॉप लोन, ओबीसी हॉस्टल, नक्सलमुक्त तहसीलों को लेकर पालकमंत्री का ध्यानकेन्द्रित किया गया।
पूर्व पालकमंत्री एवं वर्तमान विधायक डॉ परिणय फुके ने गोंदिया जिले में विकास कार्यो को लेकर दी जाने वाली निधि में पक्षपात व दुजाभाव होने का मुद्दा उठाया। विधायक परिणय फुके ने कहा, पालकमंत्री जिले का होता है। जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों को बराबर की निधि विकास कार्य हेतु वितरित की जानी चाहिए। परंतु यहां पक्षपात की भूमिका नजर आ रही है। किसी को अत्यधिक दी जा रही है तो किसी को 10 प्रतिशत।
विधायक परिणय फुके ने कहा, संपूर्ण गोंदिया जिला नक्सलग्रस्त है। परंतु अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट भेजकर तीन तहसीलों को नक्सलमुक्त करने का कार्य किया है। आमगांव, सड़क अर्जुनी व तिरोडा तहसील में आमगांव व सड़क अर्जुनी तहसील नक्सल प्रभावित है बावजूद इन दोनों तहसील को नक्सलमुक्त कर दिया गया। गोंदिया तहसील में किसी भी तरह की नक्सली गतिविधि न होने के बावजूद इसे नक्सलग्रस्त रखाव गया ये अन्याय है।
विधायक डॉ.परिणय फुके ने कहा, रोजगार के साधन उपलब्ध कराने महाराष्ट्र ओद्योगिक विकास महामंडल अंतर्गत नए उद्योग खड़े करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, राज्य के अंतिम छोर के इस नक्सलग्रस्त जिले में रोजगार उपलब्ध कराने नए उद्योग पर ध्यानकेन्द्रित किया जाना चाहिये पर इस ओर सिस्टम ठंडे बस्ते पर है।
श्री फुके ने कहा, जब मैं पालकमंत्री था, तब ओबीसी होस्टल के निर्माण लिए प्रयास किये थे। तब अधिकारियों ने कहा था, जगह उपलब्ध हैं और इस कार्य को जल्द पूर्ण करेंगे। परंतु आज तीन तीन पालकमंत्री बदल गए, 3 साल बीत गए पर ओबीसी होस्टल का मामला लंबित पड़ा हुआ है।
विधायक परिणय फुके ने गोंदिया शहर के सिटी सर्वे मामले पर कहा कि, निधि आवंटित होने के बावजूद कार्य की शुरूवात 2 सालो से न होना ये अधिकारियों की अकर्मण्यता को दर्शाता है। कर्मचारियों का दुखड़ा रोया जाता हैं। नगर परिषद की निधि का नुकसान हुआ है। अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिये।
पालकमंत्री प्राजक्त तनपुरे ने सभी विषयों को गम्भीरतापूर्वक लेते हुए अधिकारियों से जवाब तलब किये एवं इन विषयों पर कोताही बरतने वालो पर जिलाधिकारी को कार्रवाई के आदेश दिए। नक्सलमुक्त करने के मामले पर गृह मंत्रालय से बातचीत कर हल निकालने का आश्वासन दिया वही जिला भूमि अभिलेख कार्यालय में उपाधीक्षक का पद रिक्त होने पर इसे त्वरित भरने के आदेश दिए। पालकमंत्री ने सभी कार्य हेतु जल्द रिपोर्ट देने हेतु भी निर्देशित किया।
सभा में पालकमंत्री प्राजक्त तनपुरे की अध्यक्षता में सांसद सुनील मेंढे, विधायक डॉ परिणय फुके, विधायक विजय रहांगडाले, विधायक विनोद अग्रवाल, विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे, विधायक सहसराम कोरोटे, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, जिलाधिकारी नयना गुंडे, जिप सीईओ श्री पाटील, अपर जिलाधिकारी राजेश खवले, पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, जिला नियोजन समिति सदस्य, विशेष निमंत्रित सदस्य आदि प्रमुखता से उपस्थित रहे।