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शहर पुलिस ने पिता-पुत्र का शाल-श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर किया सत्कार
प्रतिनिधि। 30
गोंदिया। आज भी इंसानियत और ईमानदारी दिलों में जिंदा है। इस जिंदादिली की मिसाल एक 12 साल के लड़के ने कर दिखाई। इस लड़के के हौसलों को देख पुलिस अधीक्षक गोंदिया ने जहां उसकी प्रशंसा की वही शहर पुलिस ने बेटे के साथ ही पिता का शाल श्रीफल देकर सत्कार किया।
दरअसल ये सत्कार पुलिस द्वारा इसलिए किया गया चूंकि निकुंज और उसके पिता ने सोने के ज़ेवरात से भरी एक प्लास्टिक की बैग उस महिला को लौटाई जिसकी रास्ते में गिर गई थी।
29 अप्रैल को दोपहर 1 बजे करीब महिला सौ. गीता राजू तिड़के 29 वर्ष व उनकी ननद कोमल मधुकर तिड़के 20 वर्ष श्रीनगर स्थित अपने घर से प्लेजर मोटर साइकिल से मुथूट फाइनांस कंपनी, बजरंगदल कार्यालय के लिए निकली थी। उनके पास एक प्लास्टिक की बैग थीं जिसमें 2 तोले वजनी सोने के मंगल सूत्र, 3 जोड़े सोने के रिंग व 1 सोने का पदक था। साथ ही आधार कार्ड व पेन कार्ड भी रखा था। महिला को संज्ञान में आया कि उसका बैग गुम हो गया है। महिला ने इसकी जानकारी शहर पुलिस को दी। शहर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खोज के लिए पुलिस टीम लगा दी।
इधर पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल के वाहन चालक महेंद्र उर्फ रिंकू भोलाराम आगळे 40 वर्ष निवासी देशबंधु वार्ड गोंदिया के 12 साल के बेटे निकुंज आगळे को घर के बाहर वो बैग मिलने की जानकारी निकुंज ने अपने पिता को दी। ये मामला संज्ञान में आते ही निकुंज के पिता महेंद्र आगळे ने सोने के जेवरात रखे बैग से आधार कार्ड निकालकर महिला का पता निकाला और उनके घर जाकर सारे जेवरात लौटाएं।
निकुंज और उसके पिता महेंद्र द्वारा सारे जेवरात महिला को लौटाएं जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक गोंदिया विश्व पानसरे ने निकुंज के जिंदादिली की तारीफ की वही शहर पुलिस थाना के पुलिस निरीक्षक महेश बंसोड़े ने शाल श्रीफल व पुष्प गुच्छ देकर सत्कार किया व उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की।