गोंदिया: मौत के काल में समा रही 10 साल की बच्ची को जीवनदान दिया मेडिकल हॉस्पिटल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ देशमुख ने

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प्रतिनिधि। 24 जुलाई
गोंदिया। सांसे उखड़ रही, रोग क्या है इसका परिजनों को कोई आभास न होते हुए मरणासन्न अवस्था में गोंदिया के बिजीडब्ल्यू शासकीय अस्पताल लायी गई एक 10 साल की बच्ची को आनन फानन में वेंटिलेटर में रखकर तथा कृतिम सांस के साथ उपचार शुरू कर उसे नया जीवनदान देने का कार्य बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील बालकृष्ण देशमुख ने किया है। आज बच्ची को मिले इस जीवनदान पर डॉक्टर व टीम की प्रशंसा की जा रही है।
गौरतलब है कि 17 जुलाई को जिले के जंगल क्षेत्र मुरदोली तहसील गोरेगांव से एक 10 वर्षीय बच्ची काजल पिता राकेश लोनबले को मरणासन्न अवस्था में बाई गंगाबाई शासकीय महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची की सांसे थम सी गई थी। इस दौरान बालरोग विशेषज्ञ व शासकीय मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील बालकृष्ण देशमुख ने आनन फानन में बच्ची की गंभीर स्थिति को देख उसे कृतिम सांस देने वेंटिलेटर पर रखा तथा प्राथमिक तौर पर इलाज शुरू किया।
परिजनों को पता नहीं था कि बालिका को क्या हुआ है जिसके कारण उसकी स्थिति इतनी गंभीर हुई। ऐसे  स्थिति में प्राथमिक तौर पर इलाज शुरू रख उसे कृतिम सांस हेतु वेंटिलेटर पर रख वजह को भांपते हुए कम समय में सर्पदंश पर इलाज शुरू किया गया।
18 घंटे उस बालिका को वेंटिलेटर पर रखा गया, बालिका ने उस संकट को झेलते हुए जिंदगी की जंग जीती जिसके बाद उसे वेंटिलेटर से निकालकर 5 दिन तक उपचार दिया गया।
आज बच्ची 5 दिन बाद ठीक होकर उसकी छुट्टी कर दी गई। माता-पिता ने बच्ची को मिले इस जीवनदान पर खुशी जाहिर कर डॉक्टर व टीम के प्रति हर्ष व्यक्त किया।
शासकीय मेडिकल कॉलेज गोंदिया में जबसे स्नातकोत्तर शिक्षा प्रारंभ हुई है तबसे रोगियों को बेहतर इलाज के साधन प्राप्त हो रहे है। बालरोग विभाग में प्राप्त वेंटिलेटर की सुविधा होने से इसका लाभ गोर-गरीबो को भी प्राप्त हो रहा है।
बच्ची को बचाने सहयोग करने में डॉ. सुनील बालकृष्ण देशमुख, बालरोग वॉर्ड के स्नातकोत्तर छात्र डॉ. सचिन, डॉ. सतीश, डॉ. राहुल, डॉ. दिनेश, डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ का समावेश रहा।

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