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बेस्ट चिकित्सा स्तर पर गोंदिया की तुलना नागपुर, मुंबई स्तर पर…
प्रतिनिधी। 23 जुलाई
गोंदिया। जिले में अब मुंबई, हैदराबाद और नागपुर स्तर की उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध हो गई है। हाल ही में एक 70 वर्षीय हार्ट पेशेंट महिला को आधुनिक नैनो टेक्नोलॉजी में विकसित लाइफ सेविंग लीडलेस पेसमेकर उनके हृदय में लगाकर उन्हें स्वस्थ्य करने में सफलता प्राप्त हुई है।
इस उपलब्धि पर गोंदिया शहर के हार्ट स्पेशलिस्ट होप हार्ट हॉस्पिटल में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी। इस प्रेसवार्ता में हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. प्रमेश गायधने ने बताया कि, पांच दिन पूर्व 70 वर्षीय महिला कौशल्या देवी को होप हार्ट हॉस्पिटल लाया गया था।
महिला की स्थिति गंभीर थी। उनके हृदय की गति अत्यंत कम थी। उनके एक साइड में कैंसर लक्षण के चलते पूर्व में ऑपरेशन हुआ था, वही दूसरी साइड में हाथ में सूजन थी। ऐसे में उन्हें अस्थायी पेसमेकर लगाना मुश्किल था। महिला को बचाने का एकमात्र विकल्प हाल में विकसित हुई नैनो टेक्नोलॉजी लीडलेस पेसमेकर ही था।
पेशेंट के परिवार को जब इसकी जानकारी दी गई तो, उन्होंने बिना देरी किये लीडलेस पेसमेकर लगाने की सहमति जाहिर की। चूंकि ये पेसमेकर महंगा होने से इसे 24 घँटे के भीतर हॉस्पिटल में मंगवाया गया।
अबतक मध्य भारत में गोंदिया में होने जा रहा ये दूसरा प्रयोजन था, भारत में इस तरह हॄदय में लीड लेस लगाने के कुल 138 के करीब मामले हुए है।
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रमेश गायधने ने अमेरिकन मैट्रोनिक माइक्रा एवी कंपनी का लीडलेस पेसमेकर उक्त महिला पेशेंट को बिना काटे, टाके लगाए पैर के माध्यम से सूक्ष्म छेद कर इसे दिल में लगाने का सफल कार्य किया। इसमें खास बात ये रही कि महिला को होश में रखकर ये प्रक्रिया पूर्ण की गई। इस सफल हॄदय प्रक्रिया के दौरान मुंबई और कोलकाता से डॉक्टर टीम बुलाई गई।
डॉ. प्रमेश गायधने ने कहा, हमें ख़ुशी है कि पेशेंट के परिजनों ने हमपर भरोसा किया। अधिकतर ऐसी जटिल चिकित्सा हेतु मरीज को नागपुर, मुंबई और हैदराबाद ले जाना पड़ता है। जहाँ लाखों रुपये लगते है। पर अब होप हार्ट में ऐसी सभी सुविधाएं अत्यंत कम दरों में उपलब्ध है। गोंदिया में अब नागपुर और मुंबई जैसी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
हार्ट अटैक दुनिया का सबसे बड़ा साइलेंट किलर..
डॉ. प्रमेश गायधने ने मीडिया के माध्यम से नागरिकों को बताया कि हार्ट अटैक दुनिया का सबसे बड़ा किलर है। इसे साइलेंट किलर कहते है जो हमें संभलने का मौका भी नही देता। हमें इस साइलेंट किलर से बचने प्रिपेयर होना जरूरी है। 30-40 साल की उम्र में आप बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और थायराइड की अवश्य जांच कराएं ताकि हम सफल उपचार कर जीवन को स्वस्थ्य जी सकें।