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प्रतिनिधि।
गोंदिया। 28 अप्रैल के रात्रि के दौरान गोंदिया से सड़क मार्ग होते हुए आमगांव आ रहे सागर मिश्रा के वाहन से दहेगाव-मानेगांव जंगल समीप अचानक एक मोरनी टकरा गई थी। उसे हल्की चोटे आने पर घायलावस्था में मोरनी को अकेले न छोड़ते हुए सागर मिश्रा ने उसे अपने साथ लेकर आये।
सागर मिश्रा ने मोरनी के घायल होने पर अपने परिचित वन्यजीव प्रेमी व सर्पमित्र तथा गोंदिया जिला प्राणी क्लेश प्रतिबंधक सदस्य रघुनाथ भुते से संपर्क कर उस मोरनी की मदद के लिये आने की विनंती की।
घायल मोरनी की सूचना मिलते ही रघुनाथ भुते,
गोदिया जिला वन अधिकारी प्रदीप पाटिल और आमगाँव के आरएफओ रवि भगत के मार्गदर्शन में वनकर्मचारी के.यू.कदम, गौरीशंकर लांजेवर, विजय सोनवाने, धम्मदीप टेम्भुर्णीकर के साथ सागर मिश्रा के घर गए और उस घायल मोरनी को अपने निरीक्षण में लिया।
मोरनी अंदाजन १८ से २० महीने की होकर उस अल्पवयीन मोरनी के उपर प्रथमोपचार करने के बाद मोर पक्षी ज्यादा तादाद में पाए जाने वाले तेढास्थित मांङोबाई देवी के जंगल परीक्षेत्र में ले जाकर, वन कर्मचारी के उपस्थिती मे मुक्त करते हुए उस मोरणी को जीवनदान दिया।