गोंदिया: कांग्रेसियों का एलआईसी के बाहर आंदोलन, अदानी “गो बैक” के लगे नारे..

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प्रतिनिधि।
गोंदिया। एसबीआई बैंक, एलआईसी (LIC) और केंद्र सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ जिला और शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से जयस्तंभ चौक समीप एलआईसी कार्यालय के सामने जोरदार धरना आंदोलन किया।

आंदोलन का नेतृत्व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नितिन राऊत एवं पूर्व विधायक एवं जिला कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष दिलीप बंसोड, जिला उपाध्यक्ष अशोक (गप्पू) गुप्ता एवं जिला महासचिव ऍड योगेश अग्रवाल बापू के मार्गदर्शन में सैकड़ों कांग्रेसी नेताओं ने अदानी गो बैक के जमकर नारे लगाकर केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेसियों ने कहा कि आम आदमी ने आम खर्च पर कटौती कर अपनी मेहनत का पैसा एलआईसी में लगाया है। एलआईसी और एसबीआई में जमा करोड़ों की राशि केंद्र सरकार ने अदानी ग्रुप में निवेश करने के लिए एलआईसी और एसबीआई को विवश किया। आज अडानी समूह के शेयर बुरी तरह से गिरने से एलआईसी के 49 करोड़ खातेदारों का मेहनत का पैसा वापिस मिलेगा या नहीं, यह डर वर्तमान में सता रहा है।

पूर्व मंत्री नितिन राऊत ने कहा कि एलआईसी अपने देश का गौरव है। इस वित्तीय संस्था में आम आदमी, मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी, नौकरदारों ने पैसा निवेश किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एलआईसी में जमा करोड़ों की राशि केंद्र सरकार ने जबरन अडानी समूह में निवेश की।

मोदी सरकार ने एलआईसी पर दबाव डालकर अडानी समूह में पैसा निवेश करवाया। जिसके चलते एलआईसी के 49 करोड़ पॉलिसी धारक और निवेशदारों का 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंंडिया और अन्य बैकों से करीब 80 हजार करोड़ रु़पए का कर्ज दिया गया है।

राऊत ने कहा, अडानी समूह के आर्थिक कदाचार की जांच करने वाले हिडनबर्ग संस्था की रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति की ओर से जांच करने अथवा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के देखरेख में जांच करने की मांग की तथा तात्काल इस मामले की जांच सेबी से करने की बात रखी ।
उक्त धरणे आंदोलन मे काँग्रेस के प्रदेश सचिव विजय नले, पी. जी. कटरे, विनोद जैन, दामोदर नेवारे, इसुलाल भालेकर, निकेश बाबा मिश्रा, उषा मेंढे, उषा शहारे, वंदना काळे, विमल कटरे, शशेंद्र भगत, अलोक मोहत्तीं, नीलम हलमारे, राधेलाल पटले, परवेज बेग, राजू काडे, प्रदीप शहारे, बाबा बागडे, हरिष तुलसकर, राजीव ठकरेले, बालजीत सिंग बग्गा, विजेंद्र बरोन्डे, रुपाली उके, अमर राहुल, मंथन नंदेश्वर, टी. जी. तुरकर, रुकनेश शेख, सागर कुंभरे आदी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्तिथ थे ।

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