नतीजे आने के पूर्व से चलता रहा प्रफ़ुल्ल पटेल के जीत का जश्न..आधी रात तक परिणाम की प्रतीक्षा करते रहे पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन सहित कार्यकर्ता..
प्रतिनिधि। 11 जून
गोंदिया। 10 जून को हुए महाराष्ट्र की 6 राज्यसभा सीटों के चुनाव में नतीज़े शाम को आने थे, परंतु चुनाव प्रकिया पर आक्षेप आने से ये प्रक्रिया राज्य चुनाव आयोग से मुख्य चुनाव आयोग के पास पहुँच गई। नतीजतन राज्यसभा चुनाव में वोटों गिनती आधी रात को समाप्त हुई। समाचार लिखे जाने तक भाजपा के तीसरे और शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस कायम रहा।
जिन सीटों के नतीजे आ गए है उनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से प्रफुल्ल पटेल ने जीत दर्ज की। वही कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी, शिवसेना से संजय राऊत राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए है। इसी तरह भाजपा से पीयूष गोयल एवं अनिल बोंडे चुनाव जीत गए है।
284 वैध मतों में प्रफुल पटेल को 43 मत, इमरान प्रतापगढ़ी को 44 मत, संजय राऊत को 42 मत, पीयूष गोयल को 47 एवं अनिल बोंडे को 48 मत प्राप्त हुए। धनंजय महाडिक व संजय पवार के वोटों की गिनती रात करीब 3.40 बजे तक चलती रही।
गोंदिया में प्रफ़ुल्ल पटेल की जीत का जश्न शाम से ही मनाया जा रहा है। कार्यकर्ताओ को पता था कि जीत पक्की है। फिर भी कार्यकर्ता नतीजो की राह में सारी रात कार्यालय में जमे रहे। शहर में नतीजे आने के पूर्व ही बधाई संदेश के बड़े बड़े होर्डिंग-फ्लेक्स लग चुके है। अपने नेता के निर्वाचित होने पर ढोल-तासे, बाजे-गाजे और जुलूस की तैयारी बनी हुई है। कल सुबह होते ही शहर फिर प्रफुल पटेल के जश्न में डूबा नजर आएगा। प्रफुल पटेल के सम्भवतः कल आगमन को लेकर भी बधाई देने वालों की लिस्ट बन चुकी है।
गौरतलब है कि प्रफुल्ल पटेल पूर्व की सरकारों में भारी उद्योग मंत्री, उड्डयन मंत्री रह चुके है। वही संसद की अनेक समितियों में रहकर प्रतिनिधित्व किया। सन 1985 से अपने राजनीतिक कॅरियर कि शुरूवात गोंदिया नगर परिषद से करने वाले प्रफुल्ल पटेल वर्ष 1991 से संसद भवन के दोनों सदनों में रहकर 35 साल से सांसद की भूमिका निभा रहे है। उनके राजनीतिक जीवन का एक लंबा अर्सा सफल जनप्रतिनिधित्व, बेहतर देश के नेतृत्व के रूप में संसद भवन में गुजरा है।
प्रफुल पटेल, राज्यसभा से चौथी बार निर्वाचित हुए हैं। वे वर्ष 2000, 2006, 2016 में राज्यसभा रहें वही अब 2022 में पुनः निर्वाचित हुए। प्रफ़ुल्ल पटेल ने सबसे पहला चुनाव 10वीं लोकसभा हेतु 1991 में भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र से जीता और दिल्ली की सदन तक पहुंचे। इसके बाद प्रफ़ुल्ल पटेल की कार्यशैली, व्यक्तिमत्व एवं लोकप्रियता को देख वे वर्ष 1996 और 1998 में 11वीं-12वीं लोकसभा हेतु भी जीते। 2009 में भी वे लोकसभा से सांसद रहे। प्रफुल्ल पटेल ने अपने राजनीतिक ऊंचाइयों के चलते जीवन के करीब 35 साल संसद भवन में गुजारे और आगे भी सफर जारी है।