चौथी बार राज्यसभा के लिए प्रफुल पटेल ने दाखिल किया नामांकन, 35 साल से संसद में सांसद की भूमिका में..

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10 जून को होंगे 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों हेतु चुनाव

जावेद खान। 30 मई

गोंदिया। सन 1985 से अपने राजनीतिक कॅरियर कि शुरूवात गोंदिया नगर परिषद से करने वाले प्रफुल्ल पटेल वर्ष 1991 से संसद भवन के दोनों सदनों में रहकर 35 साल से सांसद की भूमिका निभा रहे है। उनके राजनीतिक जीवन का एक लंबा अर्सा सफल जनप्रतिनिधित्व, बेहतर देश के नेतृत्व के रूप में संसद भवन में गुजरा है।

प्रफ़ुल्ल पटेल का राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल जुलाई माह में समाप्त हो रहा है। महाराष्ट्र सहित देशभर के 15 राज्यों में 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हेतु आगामी 10 जून को चुनाव होने जा रहे है। इनमें महाराष्ट्र की 6 सीट शामिल है।

इन 6 सीटों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से प्रफ़ुल्ल पटेल, कांग्रेस से पी. चिदम्बरम, शिवसेना से संजय राऊत एवं भाजपा से तीन पीयूष गोयल, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, विकास म्हातमे सत्तारूढ़ है।

इस समय महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस एवं शिवसेना की गठबंधन वाली महाविकास आघाडी की सरकार है। जानकारी के तहत माविआ के पास 170 विधायक है। जिनमें एनसीपी-53, कांग्रेस-44, शिवसेना-55 (1 विधायक रमेश लटके का हाल में निधन हो गया), छोटे दल-10, निर्दलीय- 8 विधायक है।

शिवसेना से पिछले गुरुवार को पार्टी से संजय राऊत को फिर से उम्मीदवारी दी, वही कोल्हापुर से पक्ष के जिलाप्रमुख संजय पवार को अवसर दिया। सूत्र अनुसार कांग्रेस बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने जा रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी ने फिर उम्मीदवारी दी है। प्रफुल पटेल ने आज 30 मई को महाविकास आघाडी के नेताओं जिनमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जयंत पाटील, दिलीप वलसे पाटील, संजय राऊत, एकनाथ शिंदे, नाना पटोले, बालासाहब थोरात, के साथ विधानभवन जाकर निर्वाचन आयोग के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

35 साल से संसद में सांसद की भूमिका में..

गौरतलब है कि प्रफुल पटेल ने राज्यसभा हेतु चौथी बार नामांकन दाखिल किया है। वे वर्ष 2000, 2006, 2016 में राज्यसभा रहें वही अब 2022 के लिए चौथी बार उम्मीदवार है। प्रफ़ुल्ल पटेल ने सबसे पहला चुनाव 10वीं लोकसभा हेतु 1991 में भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र से जीता और दिल्ली की सदन तक पहुंचे। इसके बाद प्रफ़ुल्ल पटेल की कार्यशैली, व्यक्तिमत्व एवं लोकप्रियता को देख वे वर्ष 1996 और 1998 में 11वीं-12वीं लोकसभा हेतु भी जीते। 2009 में भी वे लोकसभा से सांसद रहे। प्रफुल्ल पटेल ने अपने राजनीतिक ऊंचाइयों के चलते जीवन के करीब 35 साल संसद भवन में गुजारे और आगे भी सफर जारी है।

प्रफुल्ल पटेल सरकार में रहते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री रहे, भारी उद्योग मंत्री रहे वही संसद की अनेक समितियों में रहकर प्रतिनिधित्व किया।

ऐसा है चुनावी प्रक्रिया..

बता दें कि 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होने हैं. चुनाव के लिए 31 मई तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन की जांच 1 जून को होगी, फिर 3 जून तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे. 10 जून को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. वोटो की गिनती का काम 10 जून को ही शाम 5 बजे से शुरु हो जाएगा.

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