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अबतक 10 करोड़ बरामद, 11 गिरफ्तार, गणेश हट्टेवार सहित 3 को ढूंढ रही बालाघाट पुलिस
प्रतिनिधि। 18 मई
गोंदिया/बालाघाट। गोंदिया जिले से सटे बालाघाट जिले के लांजी, किरनापुर में 6 माह में रुपये डबल कर देने का कारोबार जब सुर्ख़ियो में आया तब ऐसी अनेक बैंकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। ये होना भी लाजिम है। चूंकि डबल रकम स्किम के लालची इन बैंकों से अपनी जमा पूंजी निकालकर, जमीन बेचकर, घर बेचकर अपना सारा पैसा इन चर्चित अडानी-अंबानी नामक धूर्तराष्ट्रों के झांसे में आकर लगा रहे थे। अनेक ऐसे कांड हमारे बीच गुजर चुके है जिसमें इन धूर्तराष्ट्रों ने गरीबों के खून पसीने की कमाई को लूटकर फरार होने में सफलता पाई। बावजूद हम इन कथित अडानी-अंबानी के बिछाए जाल में फंस गए।
ये झांसे का कारोबार पिछले 5-7 साल से चल रहा था। अनेकों ने इसमें गोते लगाए और मालामाल भी हुए, पर धूर्तराष्ट्रों का मंसूबा बड़ा था। वे ऐसी रकम की प्रतीक्षा कर रहे थे जिससे वे अडानी और अंबानी बन सकें। पर अडानी-अंबानी बनने की राह अब समाप्त हो गई।
पैसे डबल करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले इस गिरोह के 11 सदस्यों को बालाघाट पुलिस ने गिरफ्तार हाल में किया है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये नगद और अन्य सामग्री भी जब्त की है. पैसे डबल करने के मामले अमूमन कई बार सामने आए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में यह अब तक का सबसे बड़ा गिरोह बताया जा रहा है. इस कारोबार के एजेंट लांजी, किरनापुर, बोलेगाव, आमगांव सहित अनेक क्षेत्रों तक फैले हुए थे। एजेंटों के माध्यम से ये रकम दुगुनी का लालच देकर पैसा जमा कराने प्रोत्साहित करते थे।
बालाघाट पुलिस ने लांजी और किरनापुर तहसील में अवैध रूप से लोगों को झांसा देकर राशि जमा कराने के मामले में तीन अलग-अलग एफ आई आर दर्ज करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि तीन आरोपी फरार हैं. पुलिस के मुताबिक उनसे 10 करोड़ रुपये, 16 मोबाइल फोन तथा लेनदेन के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. बालाघाट से लगे महाराष्ट्र के भी लोग अपने जेवर संपत्ति या अन्य कीमती सामान गिरवी रखकर पैसा डबल करने की लालच में फंसे है।
रियल स्टेट, हवाला, बिटकॉइन में भी करते थे कारोबार
जानकारी मिली है कि आरोपी बिटकॉइन में भी कारोबार करते थे. पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार इस कारोबार के तार रीयल स्टेट, हवाला से जुड़े होने की भी संभावना है। इस सिलसिले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. यह भी अनुमान लगाया गया है कि यह गोरखधंधा 100 करोड़ से ऊपर का भी हो सकता है. एसपी समीर सौरभ ने इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की अलग-अलग टीमों का गठन किया है जो जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्त में लेगी.
जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी सोमेंद्र की निशानदेही पर 5 करोड़, आरोपी हेमराज के बताने पर तीन करोड़ और आरोपी अजय तिड़के से 2 करोड रुपये बरामद हुए हैं. पुलिस का मानना है कि सभी आरोपी बड़े नेटवर्क के रूप में काम करते थे और इनके तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हुए हैं.
बता दें कि इसी साल मार्च में लांजी विधायक हीना कावरे ने मध्यप्रदेश विधानसभा में इस तरह के गिरोहों से जुड़ा सवाल भी किया था.
गोंदिया के अनेक लोगों का पैसा फंसा..
इस रकम डबल करने की स्किम में अच्छे अच्छे तुर्रमखां ने भी पैसा लगाए जाने की जानकारी सामने आई है। जब इस मामले का भंडाफोड़ हुआ तब ये सब सिर्फ हाथ मलते रह गए। इस डबल स्किम योजना पर कुछ दिन पूर्व वाट्सप यूनिवर्सिटी में अच्छी बहस भी चल रही थी। कोई फ्रॉड बता रहा था तो कई इसे विश्वासू कह रहा था। अब जब भांडा फुट गया तो पढ़े लिखे भी मौन धारण कर बैठ गए। कहते है लाखों रुपये इस अंधे कारोबार में लोगो ने लगाए ताकि 6 माह में रुपये डबल आएंगे। अब खुद की रकम वापस पाने कैसे हाथ पैर चलाते ये भी देखना है।
पकड़े गए आरोपियों के नाम..
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. बहरहाल पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर लगी सैकड़ों निवेशकों की भीड़ को राहत उस वक्त मिली जब पुलिस ने आरोपियों से बरामद रकम को दस्तावेज और हिसाब मिलने पर वापस लौटाने का आश्वासन दिया है. ये है वो 11 आरोपी जिन्हें बालाघाट पुलिस ने गिरफ्तार किया है-
सोमेंद्र कंकरायने,
रमेश मंसूरे,
राकेश मंसूरे,
प्रदीप कंकरायने,
हेमराज आमाडारे,
ललित वैष्णव,
राहुल बापूरे,
रामचंद्र कालबेले,
अजय तिड़के,
शिवजीत चिले
मनोज सोनेकर
को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गणेश हट्टेवार सहित 2 की तलाश जारी।