केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया जल्द ठोस कदम उठाने हेतु आश्वस्त..
नई दिल्ली। 05 मार्च
गोंदिया जिले के नक्सलग्रस्त, अतिसंवेदनशील, एवं आर्थिक रूप से पिछड़े देवरी तहसील के विकास को लेकर एवं यहां बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति लाने क्षेत्र के विधायक परिणय फुके प्रयासरत है, परंतु देवरी के इस औद्योगिक क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन के दायरे पर रखने के चलते यहां विकास थमा हुआ है। इस मामले पर विधायक डॉ. परिणय फुके ने क्षेत्र के सांसद सुनील मेंढे को इस केंद्रीय पर्यावरण विभाग की आ रही दिक्कतों से अवगत कराकर इसका समाधान निकालने चर्चा की थी। जिसे जल्द ही सांसद मेंढे ने दिल्ली जाकर पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर हल करने हेतु सकारात्मक पहल की थी।
आज 5 अप्रैल को इसी सकारात्मक दृष्टि से एवं क्षेत्र के लोकाभिमुख विकास में रही पेचीदगियों को दूर करने भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील मेंढे एवं क्षेत्र के विधायक डॉ. परिणय फुके ने संयुक्त रुप से दिल्ली जाकर केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
सांसद सुनील मेंढे ने केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव को बताया कि, उनके संसदीय क्षेत्र में गोंदिया जिले के छत्तीसगढ़ सीमा से सटे नक्सल प्रभावित एवं आर्थिक रूप से पिछड़े देवरी तहसील में विकास नवेगांव-नागझिरा वन्यजीव अभ्यारण्य, के चलते कानूनी पेचीदगियों के चलते रुका पड़ा है।
सांसद मेंढे ने कहा, अगर देवरी स्थित औद्योगिक क्षेत्र को जो वर्तमान में इको सेंसेटिव जोन के दायरे में समाविष्ट है उसे हटाया जाता है तो क्षेत्र में उद्योग क्रांति तेजी से बढ़ेगी।
विधायक परिणय फुके ने कहा, देवरी स्थित औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना वर्ष 1989 में की गई थी. इस क्षेत्र के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई. यह औद्योगिक क्षेत्र राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 6 पर होने से कुछ उद्यमी उस स्थान पर औद्योगिक कारखाना शुरू करने की इच्छा जाहिर कर रहे है. लेकिन देवरी औद्योगिक क्षेत्र को नवेगांव -नागझिरा वन्यजीव अभ्यारण्य के इको सेन्सेटिव जोन में शामिल किए जाने की वजह से इस स्थान पर औद्योगिक कारखाने आरंभ करने में दिक्कतें पेश आ रही है. एमआईडीसी देवरी इको सेन्सेटिव जोन की सीमा पर ही स्थित है.
सांसद सुनील मेंढे में कहा, सरकार का उद्देश्य यदि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने का है. और इसी मंशा से सरकार ने यदि औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की है तो जहां आर्थिक रूप से पिछड़े, सुदूर क्षेत्र के नक्सल प्रभावित बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने वाला हो, ऐसी जगह पर ऐसे कड़े नियम लागू कर, आने वाली कंपनियों को प्रभावित करना गलत है. साथ ही अगर कड़े नियमों की वजह से निजी कंपनियां इन क्षेत्रों में उद्योग लगाने आ नहीं रही है तो फिर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल की स्थापना करना भी व्यर्थ है, ऐसी भावना स्थानीय नागरिक व्यक्त कर रहे है.
उन्होंने केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री श्री यादव से अनुरोध किया कि वे इस मामले में गंभीरता से ध्यान देकर देवरी औद्योगिक क्षेत्र को नवेगांव -नागझिरा के इको सेन्सेटिव जोन के दायरे से बाहर निकालने हेतु सकारात्मक निर्णय ले.
केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने सांसद मेंढे व विधायक फुके को आश्वस्त किया कि वे इस मामले पर जल्द ही एक अधिकारियों की बैठक बुलाकर विकास कार्य में आ रही बाधाओं को दूरं करने का प्रयास करेंगे।