गोंदिया: मलेरिया, डेंगू की रोकथाम हेतू राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत विद्यार्थीयों द्वारा जनजागरण..

342 Views
गोंदिया : शहर में बढते डेंगू मलेरिया के मामलो की गंभीरता को देखते हुये नागरिको में प्रतिबंधितात्मक उपाययोजनाओ की जानकारी देने हेतू राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत धोटे बंधु सायंस कॉलेज के विद्यार्थीयों द्वारा घर-घर जाकर जनजागरण किया गया।
विद्यार्थीयों ने वार्ड परिसर की गंदगी को लेकर नगरसेवक प्रतिनिधीयो से मुलाकात की जिसपर प्रतिनिधीयों द्वारा कोई भी सकारात्मक उत्तर नही दिया गया। गोंदिया शहर के छोटा गोंदिया, गोविंदपुर , संजयनगर परिसर मे विशेषतः छोटा गोंदिया में गत एक डेढ महिने से डेंगू, मलेरिया रोग का व्यापक प्रसार हुआ है. वार्ड परिसर में इस रोग के मरीज बड़े है। घर-घर में सर्दी, बुखार का थैमान, हाहाकार है। इस समस्या से बडे बुजुर्गो के साथ ही बच्चे-युवा अधिक प्रभावित हो रहे है। डेंगू से छोटा गोंदिया परिसर में मौत होने की पुष्टि भी हुयी है।
परिसर मे डेंगु के जानलेवा मच्छरों की संख्या बढ गयी है। इस बिमारी से अनेक मरिजो को नागपूर में इलाज करवाना पड रहा है. कोरोना महामारी के बाद वायरल बुखार ने नागरिको को जकड़ा हुआ था, अब नागरीकों में इस बढती गंभीर समस्या से डर का वातावरण बना है.
इस गंभीर जानलेवा बिमारी से बचने के उपाय बताने हेतू राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत डी.बी.सायंस कॉलेज के विद्यार्थी दिगाम्बर कापसे, छायांकी भेलावे, लक्ष्मी मण्डीये, जिज्ञासा शर्मा, मोहना राठोड, वैभव कोरे, अंजली शर्मा, अबोली बोरकर, अंजली मुरकुटे, अतुल चौहान, अंकुश बिसेन, भारती घोडश्वार, खुशाली चौरीवार, कौशल लिल्हारे, करिष्मा भगत, ललिता लिल्हारे, जयश्री शेन्द्रे, हिमांशू गोडसे, पलाश येरपूडे, ममता तुरकर, नेहा भोंडेकर, मोनाली पटले, पायल बोपचे, पायल रहांगडाले, प्राची चौधरी, प्रेरणा नागपुरे, प्रियंका नागरीकर, प्रगती खरे, सुभांशु कटरे, ट्वींकल बिसेन, शितल गणवीर, रितू शरणागत, योगांक्षी राघोर्ते, स्नेहा चौबे, शिया मुंडेले, सिमा पटले, जान्हवी सोनवाने, श्रद्धा रामटेके, पुष्पराज गौतम, कुलदीप वैद्य,  विक्रांत मुंडेले आदी ने जनजागरण का प्रयास किया.

विद्यार्थीयों ने जनजागरण करते हुये नागरिको को दी जानकारी..

उन्होंने घर परिसर में साफ सफाई रखने के साथ ही कहा कि, मलेरिया और डेंगू की समस्या मच्छरों के काटने से होती है. अधिकतर ऐसे स्थानों पर मच्छरों की तादाद अधिक होती है जहां पर साफ-सफाई कम रहती है जलभराव होता है. इसलिए आपके घरों के आसपास अगर जलभराव हो रहा है तो जल की निकासी करें या गड्ढों को बंद कर दें. गड्ढों में भरा पानी नहीं निकाल पाते हैं. तो उसमें जला हुआ ऑयल डालें. ताकि मच्छर उसमें नहीं पनप सकेंगे. घर में मच्छरों से बचने के लिए नीम की पत्तियों का धुआं करें या फिर बाजार में मिलने वाले मच्छर नाशक अगरबत्ती आदि का उपयोग करें. इसी के साथ मच्छरदानी लगाकर सोए. बारिश में घर की छतों पर रखे टूटे-फूटे बर्तन, टायर, कूलर आदि में पानी भर जाता है और इस पानी में मच्छर पनपने लगता है. इसलिए इस दौरान टूटे-फूटे बर्तनों को हटा दें या फिर उन्हें उल्टा रख दें। ताकि उसमें पानी नहीं भर सके. घर में उपयोग किया जाने वाला पानी भी खुला ना रखें. इस मौसम में पानी उबालकर पीएं. जिससे आपको किसी प्रकार की कोई बीमारी का भय नहीं रहेगा. नमी वाली जगह पर मच्छरों का अधिक प्रकोप रहता है. इसलिए अगर आपके घरों में सीलन, पानी का रिसाव आदि कोई समस्या है तो उसे भी ठीक कराएं. ताकि मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सके. फुल आस्तीन के कपड़े पहने।

Related posts