छाया-फाइल फोटो
प्रतिनिधि।
गोंदिया। बारिश का मौसम प्रारंभ है, पर बारिश है कि आने का नाम ही नहीं ले रही। हजारों किसानों ने लाखों हेक्टर में खरीफ सीजन में धान की फसल लगाई है। पर बारिश न होने से उनकी खेती संकट में आ गई है।
गौर हो कि किसानों के खेतों में बिजाई का काम पूर्ण होकर, अनेक किसानों के खेत मे अंकुर भी फुट गए है। अब उन्हें दमदार बारिश की आवश्यकता है। परंतु पिछले अनेक दिनों से बारिश नदारद होने पर किसान संकट में आ गए है। उनकी निगाहें अब आसमान की ओर लगी दिखाई दे रही है।
गोंदिया जिला धान उत्पादन में धान का कटोरा कहा जाता है। पर इस धान के कटोरे पर ईश्वर मेहरबान नही है। अनेक दिनों से बारिश नदारद है, वही बढ़ती गर्मी और उमस ने बेचैनी बढ़ा रखी है।
जिन किसानों के खेत में सिंचाई की सुविधा है वे फसलों को पानी देकर बचा सकते है, पर जो किसान सिर्फ आसमानी बारिश पर निर्भर वो संकट में दिखाई दे रहे है।
किसानों पर अनेक प्रकार की मार होने से वो टूटा हुआ दिखाई दे रहा है। अभी तक खरीफ का पिछला बोनस न मिलना, रबी के धान की उठाई न होना और अब बारिश न होने से दोबारा पेरणी का संकट मंडरा रहा है। कुछ किसानों का कहना है कि एक सप्ताह में बारिश नही हुई तो हालात संकटमय हो जाएंगे।