गोंदिया: मुरदोली के MTDC रिसोर्ट को मंजूरी का इंतजार, 50 लाख रुपए की निधि जा सकती है वापस..!!

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प्रतिनिधि। 10 जून

गोरेगाव/ गोंदिया। गोरेगांव वन परिक्षेत्र तथा तहसील के मुरदोली परिसर में एमटीडीसी अर्थात महाराष्ट्र टुरिज्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन के रिसोर्ट के लिए प्रादेशिक पर्यटन की निधि से ५० लाख रुपए २ वर्ष पूर्व ही मंजूर किए गए थे। लेकिन जिस जमीन पर रिसोर्ट तैयार करना था, उसकी मंजूरी की फाइल एसडीओ कार्यालय में ही २ वर्षों से धूल खा रही है।

यदि प्रारूप जल्द ही जिला प्रशासन के पास प्रस्तुत नहीं होता है तो संभावना जताई जा रही है कि जो निधि प्राप्त हुई है, वह ५० लाख रुपए एमटीडीसी को लौटना पड़ेगा। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि स्वयं प्रशासन ही जिम्मेदार है। रिसोर्ट तैयार हो जाता है तो गोरेगांव तहसील के अनेक बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

बता दें कि मुरदोली यह ग्राम नागझिरा अभयारण्य एवं गोंदिया वन विभाग के जंगल से सटा हुआ है। वहीं इस परिसर में मनमोहक चुलबंध जलाशय पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ है। जिसका सौंदर्य देखते ही बनता है। इस क्षेत्र में बाघ, तेंदुए, भालू, चीतल, बायसन, नीलगाय वन्य प्राणियों सहित विभिन्न प्रजाति के दुर्लभ औषधीयुक्त वृक्ष है। जिसके दर्शन करने दूरदराज से पर्यटक पहुंचते हैं। जिसे देखते हुए महाराष्ट्र टुरिज्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने मुरदोली परिसर में भव्य रिसोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।

इसके लिए वर्ष २०१७-१८ में ५० लाख रुपए की निधि मंजूर भी की गई है। जिस स्थान पर रिसोर्ट तैयार करना है, वह जमीन राजस्व विभाग की है। इस स्थान पर जाने के लिए वन विभाग की जमीन से गुजरना पड़ेगा। इसलिए एमटीडीसी ने वन विभाग को पत्र लिखकर जिस स्थान पर रिसोर्ट तैयार किया जा रहा है, वहां तक जाने के लिए रास्ते की मंजूरी मांगी। जिस पर वन विभाग ने मंजूरी दे दी। लेकिन राजस्व विभाग ने जमीन की मंजूरी का प्रारूप अब तक जिला प्रशासन को नहीं भेजा है। कहा जा रहा है कि जमीन मंजूरी की फाइल एसडीओ कार्यालय में ही गत दो वर्षों से पड़ी हुई है।

रिसोर्ट से रोजगार के अवसर…
एमटीडीसी का रिसोर्ट मुरदोली में तैयार हो जाता है तो नागझिरा, चुलबंध जलाशय को देखने आनेवाले पर्यटक इस रिसोर्ट में निवास कर सकेंगे। पर्यटक बढ़ेगे तो क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों का आर्थिक स्तर भी सुधरेगा। लेकिन प्रशासन की ही लेटलतिफी से रिसोर्ट तैयार करने की फाइल ही दफ्तर में अटक गई है।

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