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वर्ष 2020, भारत समेत पूरी दुनिया के लिए काल के रूप में रहा.. कोरोना से जंग अब भी जारी
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भंडारा, गोंदिया और गडचिरोली में कोरोना से कुल मौतें @ 542
हकीक़त टाइम्स।
गोंदिया। वर्ष 2020, भारत समेत पूरी दुनिया के लिए काल के रूप में रहा। इस वर्ष में मार्च से दिसम्बर तक 10 माह के लंबे अंतराल में नागरिको ने वो सब देखा जो उनकी कई पीढ़ियों ने आजतक नही देखा होंगा। अनेकों महामारी आयी पर भारत ने इतना संकट नही देखा, जो कोरोना में लोगों ने देखा। लॉक डाऊन में पूरे भारत की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई। लोग आज भी आर्थिक संकट से गुजर रहे है। कोरोना से खुद को बचाते हुए जिंदगी पटरी में लाने का प्रयास कर रहे है। अभी भी कोरोना हमारे बीच इर्द-गिर्द घूम रहा है। जिससे जंग जारी है।
कोरोना संक्रमण के ताजा हालातों पर हम भारत के अनेक राज्यो को छोड़कर सिर्फ महाराष्ट्र के पूर्व विदर्भ के तीन जिलों की ओर फोकस करेंगे। पूर्व विदर्भ के पिछड़े गोंदिया, भंडारा और गडचिरोली जिले में अभी भी कोरोना का कहर जारी है। रोजाना संक्रमितों के आंकड़े सामने आ रहे है, वही कोरोना से मृत्यु भी हो रही है।
गोंदिया जिले की बात करें तो, यहां आज 14 दिसम्बर तक कुल 327 मरीज कोरोना से संक्रमित है और इलाज करा रहे है। जिले में 10 माह के अंतराल में अबतक कुल 13 हजार 117 मरीज पॉजिटिव पाएं गए, जिसमें 12 हजार 616 ठीक होकर घर लौटे, जबकि 174 लोगों की मौत हो गई। यहां ठीक होने का प्रतिशत 94.90 रहा।
भंडारा जिले की बात करें तो यहां मार्च से आज 14 दिसम्बर तक कुल 11 हजार 593 मरीज कोरोना संक्रमित पाएं गए, जिसमे से 10 हजार 771 ठीक हुए है। जबकि 276 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। अभी वर्तमान में सक्रिय मरीजो के रुप में 546 पर उपचार जारी है। यहां ठीक होने का प्रतिशत 92.90 है, जबकि मृत्यु दर 2.35 है।
गडचिरोली जिले की बात करें तो, यहां अबतक कोरोना से कुल 8 हजार 558 लोग संक्रमित पाएं गए, जिसमें से इलाज के दौरान 8 हजार 99 ठीक हुए है। जबकि 92 लोगो की मौत हुई है। वर्तमान में 367 लोगों का इलाज जारी है। यहां कोरोना से ठीक होने का प्रमाण 94.64 है, जबकि मृत्युदर 1.08 है।
ये खुशी की बात है कि लोग आज संक्रमण को लेकर सावधानियां बरत रहे है। मॉस्क, और दूरी बनाकर बीमारी को रोकने का प्रयास कर रहे है। बेवजह भीड़ में जाने से बच रहे है। यहीं कारण है कि आज संक्रमितों की बढ़ती संख्या में कमी आयी है। लोग प्रार्थना कर रहे है कि ये साल के जाते-जाते कोरोना से भी पीछा छूट जाए और पहले जैसी जिंदगी वापस पटरी पर आ जायें।