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हटा न्यूज। 28 जुलाई
भंडारा। सहकार क्षेत्र में राजनीति का वर्चस्व रखने वाले सबसे बड़े बीडीसीसी बैंक चुनाव में, परिवर्तन पैनल चारो खाने चित हो गई। भंडारा जिले में तो कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले की अच्छी पकड़ सहकार में होने के बावजूद भंडारा बैंक चुनाव में गोंदिया से भी बदतर स्थिति परिवर्तन पैनल की देखी गई। यहाँ 5 सीट परिवर्तन को मिली जबकि 11 संचालक सीटों पर महायुति की सहकार पैनल को सफलता प्राप्त हुई।

सबसे खास तो बात ये रही कि इस भंडारा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक चुनाव में क्षेत्र के सांसद प्रशांत पडोले बुरी तरह पराजित हुए। यहां नाना पटोले का राजनीतिक गेम उल्टा पड़ गया,जिससे सांसद पडोले की राजनीतिक प्रतिष्ठा का भट्टा बैठ गया।
दुग्ध संघ से चुनाव लड़े कांग्रेस के परिवर्तन पैनल से सांसद प्रशांत पडोले को 49 वोट मिले जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में सांसद प्रफुल पटेल और राजेंद्र जैन के खासमखास सुनील फुंडे ने सहकार से इसी संघ से चुनाव लड़कर 93 वोट हासिल किए और सांसद पडोले को 44 वोटों से करारी शिकस्त देकर पराजित कर दिया।
सांसद पडोले की हार को राजनीतिक वजूद में बड़ी हार माना जा रहा है। महायुति में सांसद प्रफुल पटेल ने नारा दिया था कि, बिना सहकार नही उद्धार। बस इसी तर्ज पर सहकार को विजयीश्री दिलाने महायुति के नेताओ में विधायक डॉ. परिणय फुके, गोंदिया बैंक अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, विधायक नरेंद्र भोंडेकर, विधायक राजुभाऊ कारेमोरे ने कमर कसकर अथक परिश्रम किया और भंडारा बैंक पर पुनः सत्ता स्थापित कर जीत का परचम लहरा दिया।
बैंक चुनाव में परिवर्तन की हार को नाना पटोले की हार माना जा रहा है। नाना ने जो दावं पूर्व दिवगंत सहकार नेता यादोराव पडोले के पुत्र सांसद प्रशांत पडोले को मैदान में उतारकर बैंक चुनाव को अपनी झोली में करने का गेम बनाया था, उसे मतदाताओं ने नकार दिया और सहकार पर विश्वास जताकर उसे विजयीश्री प्रदान की।