प्रलंबित जमीन का मामला सुलझा, कमीशनखोरी और व्यक्तिगत स्वार्थ की वजह से 125 करोड़ की योजना 250 करोड़ के पार…
प्रतिनिधि।
गोंदिया। शहर की बहुचर्चित और काफी दिनों से प्रलंबित भूमिगत गटर योजना का रास्ता अभी आसान होते नजर या रहा है। विधायक विनोद अग्रवाल इनके प्रयासोसे प्रकल्प के लिए आवश्यक जमीन के मामले को सुलझाए गया है, जिस वजह से काफी सालों के प्रलंबित इस योजना को गति मिलने वाली है। केंद्र शासन पुरस्कृत अमृत योजने अंतर्गत गोंदिया के लिए भूमिगत गटर योजना मंजूर की गई थी। शहर का गंदा पानी इन्ही गटर के माध्यमसे एक जगह जमा कर उसे प्रक्रिया करने प्रक्रिया प्लांट मे ले जाना होता है और फिर उसे नदी मे छोड़ा जाता है। इसी प्रक्रिया प्लांट के लिए जमीन के वाद को लेकर योजना काफी सालों से लटकी हुई थी। यह मलसुद्धीकरण प्लांट पांगोली नदी के पास खसरा क्र. 315/1 मे तयार किया जाएगा।
इस बारे मे विधायक विनोद अग्रवाल ने विविध समीक्षा बैठक मे गोंदिया जिले के पालक मंत्री, जिलाधिकारी और मंत्रालय मे चर्चा की और विषय पर दटे रहे। आखिरकर मलसुद्धीकरण प्लांट के लिए जगह निर्धारित की गई। खुले गटर की वजह से शहर मे दुर्गन्धी का महोल बरकरार है जिस वजह से भूमिगत गटर योजना शहर के हालत एंव स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण है।
यह योजना केंद्र शासन पुरस्कृत जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नागरी पुनर्निर्माण अभियान अंतर्गत, शहरी विकास द्वारा 18.6.2013 को 125.72 करोड़ से मान्य की गई थी। किन्तु कमीशनखोरी और व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते योजना को शुरू ही नहीं किया गया। इस योजना को फिर से 11.12.2018 को केंद्र पुरस्कृत अमृत योजना के माध्यम से फेज-2 मे करने का निर्णय लिया गया। जिसके पहले फेज मे दक्षिण गोंदिया की गटर लाईन की जानी है। फेज 1 के कार्य की कुल लागत 130.64 करोड़ है। आज की स्थिति में इस योजना की कुल लागत 250 करोड़ के पार जा रही है। जब की समय पर इस योजना की शुरू किया गया होता तो यह योजना 125.72 करोड़ मे ही पूर्ण हो गई होती, किन्तु तत्कालीन जनप्रतिनिधि के निजी स्वार्थ और कमीशनखोरी के वजह से शासन का पैसा और समय बर्बाद हुवा है और नागरिकोंको सुविधावों से वंचित रहना पड़ा है, ऐसे आरोप विधायक विनोद अग्रवाल इन्होंने किया है।
इस योजना को पूर्ण करने का जिम्मा जीवन प्राधिकरण विभाग को सोपा गया है। किन्तु जगह की आपूर्ति न होने की वजह से यह योजना शुरू नहीं की गई थी। लेकिन विधायक विनोद अग्रवाल के मध्यस्थ से जमीन संबंधी समस्या सुलझाई गई। जल्द ही इस योजनां के कार्य शुरू होने की आशंका है।