ह.टा.प्रतिनिधि।
गोंदिया। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है, वैसे वैसे राजनीति की पिच भी साफ होती जा रही है। एक माह पूर्व भाजपा को रामराम ठोंककर वापस उद्धव बालासाहब ठाकरे की शिवसेना में शिवबंधन बांधकर घर वापसी किये पूर्व विधायक रमेश कुथे, उनके भाई राजकुमार कुथे और युवा ओबीसी नेता रूपेश कुथे को विश्वास है कि इस बार महाविकास आघाडी के गठबंधन में सीट शिवसेना को ही मिलेगी।
परंतु भाजपा में दाल न गलने पर चुनाव लड़ने वापस कांग्रेस में लौटे पूर्व विधायक के घर वापसी से स्थिति फिर एक बार संकट में पहुँच गई है। ऐसे में गोंदिया की एक सीट पर दो दावेदार पार्टियां अपना दावा ठोंक रही है।
पूर्व विधायक रमेश कुथे के सुपुत्र, ओबीसी, किसान, एससी-एसटी के लिए आवाज बुलंद करने वाले युवानेता रूपेश (सोनू) कुथे ने कहा, ये सीट पर भले ही कांग्रेस अपना दावा ठोंक रही है पर सबको पता है कि ये सीट शिवसेना की रही है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर लिखा है कि, चुनाव तो हम लड़ेंगे ही। कुछ भी कर लो, अबकी बार ओबीसी, एससी, एसटी आमदार… वे यही नही रुके उन्होंने ये भी लिखा कि, “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी..।
सोशल मीडिया पर इन पोस्ट को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। ओबीसी हिन्दू जाग रहे हैं। कबतक धन्नासेठों के बीच फंसे रहेंगे। अब जागो और अपने जिंदा होने का सबूत दो, सारे ओबीसी हिन्दू बनने को तैयार हो जाओ।
सोनू कुथे लिखते है, “हर जंग जीत के लिए नहीं लड़ी जाती, कुछ दुनिया को बस यह बताने के लिए लड़ी जाती है कि कोई था रणभूमि में जो लड़ रहा था।
इन सभी वायरल पोस्ट से ये तय है कि इस बार ये युवा ओबीसी नेता कुछ अलग करने के चक्कर में है। कही ऐसा न हो कि दो धन्नासेठों की लड़ाई में ये आगे निकल जाए और चुनाव के फाइनल जीत का सेहरा अपने सिर बांध लें।
बहरहाल, जो भी हो, पर ये तय है कि इस बार कुछ लोगों की बाड़ी रौंधने ओबीसी का ये चेहरा चुनावी मैदान में अपनी भारी संख्या के साथ कूदने को तैयार है।