..तो, महायुति का उम्मीदवार कौन?

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जावेद खान।
गोंदिया। डेढ़ माह बाद होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को रिझाने के कार्य में जुट गई है। कही आदर्श आचार सहिंता का बिगुल न बज जाए इसे लेकर, भूमिपूजन पर कुदाल भी जमकर चल रही है। सब आजी, माजी नेता दौरे पर निकल पड़े है। कोई नए नेतृत्व के लिए आशिर्वाद मांग रहा है तो कोई अपने विकास नामा पर जनसहयोग मांग रहा है तो कोई पिछला विकास का लेखाजोखा बताकर पुनः एकबार प्रेम, आशीर्वाद की मांग कर रहा है।
चुनाव के लिये तो पल्टीमार का जोर भी जारी है। कोई इधर से उधर जा रहा है तो कोई उधर से इधर आ रहा है। मजे की बात तो ये है कि इसे घर वापसी का अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
इस चुनाव में दो महागठबंधन आमने सामने है। एक महायुति है तो दूसरा महाविकास आघाडी है। एक दल में कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे शिवसेना, शरद पवार एनसीपी व अन्य सहयोगी पार्टियां है तो दूसरे महायुति गठबंधन में भाजपा के साथ शिंदे शिवसेना, अजित पवार एनसीपी के साथ सहयोगी दल अपने अपने चुनाव चिन्ह के साथ, चुनावी जंग में कूदने को तैयार है।
गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में स्थिति दोनों महागठबंधन के लिए संकटकालीन बनीं हुई है। एक तरफ मविआ में शिवसेना अपना दावा ठोंक रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी बौहे तान रही है। यहां गठबंधन में गांठ मजबूत नजर नही आ रही। शरद पवार की तुतारी भी चाहती है कि उसे चांस मिले।
महायुति की बाद करें तो भाजपा में कुछ दिन पूर्व तक भाजपाई रहे गोपालदास अग्रवाल के इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाने के बाद भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा पार्टी में दिखाई नही दे रहा है। खबर है कि गोपाल अग्रवाल ने भाजपा से टिकट के लिए कई दिन वेट एंड वाच किया पर उन्हें हरी झंडी नही मिलने से वे किनारा कर गए।
अब चर्चा ये है कि भाजपा, वर्तमान निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल को भाजपा में लाने का प्रयास कर रही है। विनोद अग्रवाल भाजपा में जाना चाहते है पर उनपर कार्यकर्ताओ का दबाव बन रहा है कि वे भाजपा से दूर रहे।
ऐसी स्थिति में विधायक विनोद अग्रवाल, अगर दोबारा निर्दलीय प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरते है तो महायुति में सिर्फ एनसीपी राजनीतिक वर्चस्व के साथ ऊपर दिखाई देगी।
एनसीपी के दिग्गज नेता सांसद प्रफ़ुल्ल पटेल के दाएं-बाए समझे जाने वाले, खास समर्थक और प्रफुल्ल पटेल की राजनीतिक विरासत को आगे बढाने वाले दो बार के पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन को ये मौका हासिल हो सकता है।
पूर्व विधायक राजेन्द्र जैन को गोंदिया विधानसभा सीट से टिकट देने को लेकर एनसीपी कार्यकर्ता पिछले अनेक दिनों से प्रफुल्ल पटेल से मांग कर रहे है। अब ये दावा और मजबूत इसलिए हो गया है, क्योंकि भाजपा के पास बड़ा चेहरा नहीं है। अगर कांग्रेस से गोपाल अग्रवाल, चाबी से विनोद अग्रवाल मैदान में होंगे तो, इन्हें टक्कर देने महायुति के पास राजेन्द्र जैन बेहतर चेहरा होंगे जो अनेक वर्षों से गोंदिया के लोगो के बीच निश्वार्थ भाव से सेवा कर रहे है।
जल्द ही अटकलों में फंसा महागठबंधनों में प्रत्याशियों का पेंच भी जल्द खुलेगा और स्थिति भी साफ होगी।

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