भंडारा-गोंदिया जिले की 7 विधानसभा सीटों को लेकर “मविआ” में रस्सीखेंच..

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कैसे होगा समाधान: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले चाहते है पांच सीट, पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 3 सीटों पर एनसीपी से दावा ठोंका, गोंदिया की 1 सीट के लिए शिवसेना उबाटा अडिग…

जावेद खान।
गोंदिया। आगामी ढाई माह बाद होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। लोकसभा में कांग्रेस को महाराष्ट्र व खासकर विदर्भ में मिली बेहतर जीत से कांग्रेस तल्ख अंदाज में लौटकर वापस आ गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले चाहते है कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति को चारों खाने चित्त कर इंडिया का परचम लहराना है। इसके लिए महाविकास आघाडी गठबंधन दल के, कांग्रेस, शरद पवार एनसीपी, उद्धव ठाकरे शिवसेना व मित्र दल ताकत से कार्य मे जुट गए है।
आज गोंदिया में राज्य के पूर्व गृहमंत्री व एनसीपी शरद पवार दल के नेता अनिल देशमुख ने कार्यकर्ता सम्मेलन में उपस्थिति के दौरान भंडारा-गोंदिया जिले से तीन सीटों पर हक जताकर उसपर दावा ठोंका है।
अनिल देशमुख ने कहा कि हम तुमसर, तिरोडा और अर्जुनी मोरगाँव सीट मांग रहे है। इन सीटों पर हमारा अधिकार है। उन्होंने ये भी कहा कि कल मंगलवार को होने वाली मविआ की बैठक में हम इसकी मांग रखेंगे।
एनसीपी नेता अनिल देशमुख के तीन सीटों पर दावा ठोंकने पर कांग्रेस भी सांसत में आ गई है। चूंकि भंडारा-गोंदिया में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को सभी सीटों पर अच्छा प्रतिसाद मिला। कांग्रेस में दमदार उम्मीदवार न होते हुए भी भाजपा के नाक के नीचे से ये सीट हथियाने में कांग्रेस सफल हुई है। अब ऐसे में जहां प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले दोनों जिलों की 7 सीटों में से पांच सीटों पर जीत का दंभ भर रहे है। उस स्थिति में एनसीपी ने 3 सीट की मांग कर कॉग्रेस का गणित बिगाड़ने का कार्य कर दिया है।
कांग्रेस तो गोंदिया विधानसभा सीट भी चाहती है। यहां वो बड़ा राजनीतिक दांव खेलने के चक्कर में है परंतु इस सीट से उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अपना दावा ठोंककर कांग्रेस की राह में कांटे बिछा दिए हैं।
तिरोडा-गोरेगाँव विधानसभा क्षेत्र पिछले 10 साल से भाजपा के पास है। यहां भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी की टिकट की लड़ाई में चुनाव लड़ने पर जीत दर्ज करते आयी है। इस बार भी शरद गुट एनसीपी और कांग्रेस टिकट की मांग कर रही है। मजे की बात तो ये है कि अब एनसीपी दो अलग अलग गट में है। ऐसे में महायुति में शामिल अजीत पवार की एनसीपी भी मैदान में डटी हुई है। अगर इस सीट पर जीत दर्ज करना है तो कांग्रेस- एनसीपी को तालमेल बैठाना जरूरी है।
कांग्रेस की स्थिति देखें तो देवरी-आमगांव सीट से सहसराम कोरोटे कांग्रेस विधायक है। वही साकोली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले खुद विधायक है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को मोरगाँव अर्जुनी से बढ़त मिली जबकि इस क्षेत्र से महायुति में शामिल एनसीपी से विधायक है। नाना पटोले ने साकोली से बढ़त दिलायी, भंडारा से बढ़त दिलाई, तुमसर से बढ़त दिलाई। यहां तक कि तिरोडा से भी बढ़त मिली।
अब कांग्रेस चाहती है कि वो पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े करें। कांग्रेस की मांग है कि उसे आमगांव-देवरी, मोरगाँव अर्जुनी, साकोली, तुमसर, भंडारा सीट मिले। जबकि कांग्रेस गोंदिया भी मांग रही है। कांग्रेस को भरोसा है कि वो इन सीटों पर जीत दर्ज करेंगी।
शिवसेना ने भी मोरगाँव अर्जुनी, गोंदिया सीट की मांग रखी है। अब पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी 3 सीटों की बात कर रहे है। ऐसे में महाविकास आघाडी गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर रस्सीखेंच कर रहा है। अब 7 सीटों पर मविआ के नेता कैसे तालमेल बैठाते है ये कल होने वाली बैठक के बाद ही साफ होगा।

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