पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल के हस्ते ग्राम रतनारा में ४४४ लाख रु. लागत के विकास कार्यों का शुभारंभ

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२०१९ में विधानसभा चुनाव में विपरीत नतीजों के बाद वर्तमान आमदार ने बाघ नदी पर डांगोरली बंधारा और नवेगांव-देवरी उपसा सिंचन योजना के निर्माण को नहीं दी गती..

प्रतिनिधि।
गोंदिया :- पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल के प्रयत्नों से, गोदिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रतनारा में ३८४ लाख रुपये लागत से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत रतनारा-मुंडीपार रस्ता (लंबाई : ०४कि.मी) एवंम ६० लाख रुपये लगात से रतनारा मेला चौक-कोहका रस्ता एवंम श्री हेमराजजी ढेकवार-बस स्टॉप रतनारा-बाजार चौक रस्ता सिमेंटीकरण कार्य को राज्य सरकार ने मंजुरी दी। योजना के अंतर्गत उक्त मागों का चौडीकरण-मजबुतीकरण तथा डामरीकरण किया जायेंगा, जिसका भुमिपुजन पुर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल के शुभ हस्ते, जिप सदस्य अंजलीताई अटरे, जिप सदस्य विजय उईके, पं.स. सदस्थ निखील चिखलोंडे, सरपंच सतिश दमाहे, मुंडीपार सरपंच भोजुभाऊ सुलाखे, उपसरपंच धनपाल धुवारे, सेन्ट्रल कृषक सोसायटी अध्यक्ष मदनलाल चिखलोंडे की प्रमुख उपस्थिती में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए स्थानिय पंचायत समिती सदस्य निखील चिखलोढे ने कहा कि, विधायक रहते हुए गोपालदासजी अग्रवाल ने कुड़वा-धापेवाडा मार्ग का चौडीकरण कराया, वहीं रतनारा-लोहरा, रतनारा-सायटोला,
रतनारा-हरसिंगटोला सहित लगभग सभी ग्राम अंतर्गत सड़कों का भी निर्माण कराया। आज हर्ष की बात है कि, जब हमने स्थानीय किसानों एवंम नागरीकों को रतनारा – मुंडीपार यातायात की समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें रतनारा-मुंडीपार मार्ग निर्माण कराने का अनुरोध किया। तो उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना अंतर्गत उन्होंने उक्त मार्ग के निर्माण हेतु ३८४ लाख रुपये की निधी मंजुर करायी। साथ ही मेला चौक-कोहका एवंम बस स्टॉप- ग्राम् पंचायत रस्ता सिमेंटीकरण के लिये ६० लाख रूपये की निधी आवंटित कराकर स्थानीय रहवासीयों को उपहार दिया है। उनके पद पर न रहते हुए भी किये जा रहे लोकहित कार्य निश्चित रुप से प्रशंसनीय- सराहनीय है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि, २०१९ में स्थानीय विधायक रहते हुए हमने इस क्षेत्र में नवेगांव-देवरी उपसा सिंचन योजना के निर्माण को मंजुरी दिलाई, जिससे देवरी से लेकर
निलागोंदी-रतनारा तक के पुरे परिसर में बाघ नदी की नहरों में, देवरी-नवेगांव उपसा सिंचन योजना का पानी छोड़ किसानों को सिंचन सुविधा देने की योजना थी। वहीं बाघ नदी पर ग्राम डांगोली के समीप भव्य बंधारे का निर्माण कर प्रचुर मात्रा में सिंचन एवम पेयजल हेतु पानी की व्यवस्था करने का लक्ष था, लेकिन अत्यंत खेद की बात है कि, विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद ये सभी योजनाएं जहां थी वहीं रह गई।
वर्तमान चाबी आमदार ने इस दिशा में प्रयत्न नहीं किये। क्षेत्र के किसान जिनको हम डबल -ट्रिप्ल फसल निकालने के लिये सिंचन सुविधा देना चाहते थे, उनकी फसल आज भी एक या दो पानी से सुख जाती है, यह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी विंडबना है। आगामी अक्टंबर माह में अपेक्षित विधानसभा चुनाव में सबका आशिर्वाद रहा तो निश्चित रुप से डांगोली ग्राम के समीप बाघ नदी पर भव्य बंधारा भी बनाएंगे और देवरी- नवेगांव उपसा सिंचन योजना के निर्माण को भी पुरा कराकर यहां के किसानों को ट्रिपिल फसल के लिये सिंचन सुविधा उपलब्ध कराना, हमारा प्रथम लक्ष होंगा।
पुर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल ने आगे कहा कि, आज गोदिया विधानसभा क्षेत्र ठेकेदारी के मोह में उल्झा हुआ है। इसी ग्राम हरसिंगटोला-रतनारा में, हमारे प्रयत्नों से ४ वर्ष पुर्व बनी अच्छी खासी सिमेंट रोड के ऊपर, चाबी आमदार के खास ठेकेदार ने पुनः पतली-पतली सिमेंट रोड बना दी। इसके स्थान पर उसी ग्राम में जहां आवश्यकता है, अगर रोड बनाई गई होती तो निश्चत रुप से नागरीकों को कहीं न कहीं राहत मिलती, लेकिन जब किसी भी रास्ते से पैसे कमाने की मानसिकता के साथ जनप्रतिनिर्धी चुने जायेंगे, तो ऐसे ही गैरव्यवहार होत रहेंगे, जिस पर हम सबको मिलकर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। हमने रजेगांव- काटी और तेढवा -सिवनी उपसा सिंचन योजनाओं के निर्माण के साथ-साथ बाघ सिंचन प्रकल्प की सभी नहरों की सफाई कराई, जिससे अब आखरी छोर (टेल पोर्शन) तक सिंचाई का पानी पहुँच रहा है। अच्छे काम के लिये, अच्छी नियत का होना सर्वप्रथम जरूरी है।
प्रमुख रुप से पुर्व सरपंच भानपुर रमेशभाऊ चिल्हारे, पुर्व पस सदस्य लिखीराम राऊत, सर्वश्री ग्राप सदस्थ चैनलाल लिल्हारे, दिनेश लिल्हारे, शैलेश बोरकर, तुंटीजी ढेकवार, आंचलताई दसरे, ललीताबाई उके, पल्लवीताई मेश्राम, शिलाताई परतेती, शंकुतलाताई राऊत, भागवंताबाई मोहारे, तमुस अध्यक्ष सुरेश लिल्हारे, मंगेश बसेने, ठानसिंग बेसने, रामप्रसाद कन्सरे, चुन्नीलाल बोरकर, ओमेश्वरी ढेकवार, सिमा मोहारे, कौशल्या डोंगरे, द्र्योधन भोयर, झनकलाल लिल्हारे, बसंतजी चिखलोंढे, अरुणभाऊ चिखलोंडे, शिवाजी दसरे, शिवानंद चिखलोंडे, इंद्राज बिरणवार, राकेश खरोले, कनहैया लिल्हारे, श्रीराम लिल्हारे, अमृत ढेकवार, सचिन चिखलोंडे, मेंगलाल (बब्लु) ढेकवार, विशाल राऊत, श्यामराव बोरकर, छत्रपती नागपुरे, राहुल सोनवाने, प्रमोद देशभ्रतार, नेतन धुवारे, यमुनाबाई धुर्वे, कविताबाई ढेकवार, रामु लिल्हारे, धनराज उपवंशी, रमेश धुर्व, गुलाब धुर्वे, दिलीप धुर्वे, टाकचंद ढेकवार, मयाराम दसरे, मुनेश्वर चिखलोंडे, नंदलाल चिखलोंडे, नंदु मोहारे, हौसलाल मोहारे, किसन राऊत, अनिल बघेले, सदाराम देशमुख, फागुलाल लिल्हारे, डॉ. उत्तम ढेकवार, नोहरलाल बहेटवार, लक्ष्मीचंद लिल्हारे, आत्माराम दसरे, संतोष चिखलोंडे, जतीन लिल्हारे, शुभम ढेकवार, राहुल सोनवाने, राकेश लिल्हारे, हरिप्रसाद चिखलोंडे, राजु लिल्हारे, नब्बु लिल्हारे, चंदुजी दसरे, सुरेश बांगळे, राजु बिजेवार, जितेन्द लिल्हारे, देवा गणविर, प्रेमलाल बिजेवार, रेखचंद सोनवाने, श्यामा बिजेवार, गोपाल बारेवार, ज्ञानेश्वर टेकाम, संतोष चिखलोंडे, मुनेश्वर चिखलोंडे, रामु चिखलोंडे, प्रलय मेश्राम, पिस्म कुंजाम, दिवाकर जोंगरे, राजेन्द्र बोरकर, भिरुमलाल नागपुरे, ईश्वर लिल्हारे, राजेन्द्र बहेटवार, दिलीप धुर्वे, राजु सतपाल, श्यामवती राऊत, संतोष धुर्वे, अंकेश धु्वे, नेतलाल धुवारे, मुन्नालाल चिखलोंडे, हनिफ खान पठान, रितेश राऊत, निलकंठ गायकवाड, राजकुमार बसेने, देवेनद्र फुलबांधे, बलिराम बसेने, सोनु बिजेवार व ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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