पोस्ट ग्रेजुएशन करने का सोच रहे हैं तो बदल गई पीजी की पढाई, जान लें UGC के नये नियम-प्रा. बबन मेश्राम

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भंडारा-पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए यूजीसी ने नया फ्रेमवर्क तैयार किया है. अगर आपने ग्रेजुएशन में चार साल का ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स प्रोग्राम किया है तो अपनी पीजी के पढ़ाई एक साल में खत्म कर सकते हैं. यही नहीं, पढ़ाई के बीच कॉलेज बदलना, ग्रेजुएशन से हटकर विषय चुनना आदि सुविधा भी है.ग्रेजुएशन की चार साल की पढ़ाई करने के बाद अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पोस्ट ग्रेजुएशन छात्रों को लिए फैसला लिया है. यूजीसी ने पीजी कोर्सेस के लिए नया फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसमें स्टूडेंट्स के पास बीच में कभी भी पढ़ाई छोड़ने और शुरू करने का विकल्प होगा. यह फ्रेमवर्क नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन करने का सोच रहे हैं तो यूजीसी के नये फ्रेमवर्क को अच्छे से समझ लें.

यूजीसी के नये नियम

अगर आपने तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स किया है तो आप दो साल का पीजी प्रोग्राम चुन सकते हैं, जिसमें दूसरे साल आप रिसर्च पर पूरा ध्यान दे सकते हैं. अगर आपने चार साल का ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स प्रोग्राम किया है तो आपके लिए एक साल का पीजी प्रोग्राम भी होगा. नए करिकुलम में आपको अपनी पसंद के कोर्स चुनने की आजादी होगी. अगर आप एंट्रेंस क्रैक कर लें, तो ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट से हटकर, कोई और विषय भी चुन सकते हैं. इसमें ऑफलाइन, ऑनलाइन, या दोनों तरीकों से पढ़ाई करने का विकल्प भी होगा.

अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई एक साल में पूरी कर सकते हैं. एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा पर छात्रों को 240 क्रेडिट अंक जुटाने होंगे. यूजीसी ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों को लेकर जारी किए गए इन फ्रेमवर्क को सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों को अमल में लाने के भी निर्देश दिए है. पीजी फ्रेमवर्क को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) के साथ जोड़ा जाएगा. छात्रों की पढ़ाई, असाइनमेंट, क्रेडिट जमा करने, ट्रांसफर करने और उनका इस्तेमाल करने का पूरा हिसाब-किताब होगा.

यूजीसी अध्यक्ष ने नये फ्रेमवर्क को लेकर कही ये बात

उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) को 1-वर्षीय, 2-वर्षीय और इंटीग्रेटेड 5 वर्षीय पाठ्यक्रमों सहित अलग-अलग पीजी कोर्सेस करने की सुविधा दी गई है, जो छात्रों की आवश्यकताओं और एआई और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों में पढ़ाई करने का मौका देता है. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों से इस फ्रेमवर्क को अपनाने का आग्रह किया है, जो राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (NHEQF) और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) के साथ छात्रों को अपने पाठ्यक्रम चुनने और विषयों को बदलने की अनुमति देगा.

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