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बाघ के अवयव को सीलबंद कर, शरीर का किया गया दहन…
हकीक़त रिपोर्टर।
गोंदिया। नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व फारेस्ट से सटे गोंदिया वनविभाग के वनपरिक्षेत्र मुंडीपार अंतगर्त चुटिया बीट क्षेत्र के लोधीटोला खेत परिसर में एक तीन साल के बाघ के मृत अवस्था में पाए जाने से सनसनी फैल गई। मृत बाघ को टुकड़े-टुकड़े कर फेंके जाने का प्रथम जांच में सामने आया है।
बाघ के मौत होने की पुष्टि करीब 10-12 दिन पूर्व होने की जानकारी डॉक्टरी परीक्षण के दौरान हुई। लोधीटोला में जिस खेत में बाघ के अवशेष सड़े-गली अवस्था मे दिखाई दिए उस किसान अमरनाथ पटले ने 15 नवम्बर 20 को इसकी खबर वनपरिक्षेत्र अधिकारी को फोन से दी।
खबर मिलते ही क्षेत्रीय वन अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र व आसपास की इलाके को प्रतिबंधित कर दिया गया एवं कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई। 16 नवंबर को सुबह 6 बजे के दौरान उपवन सरंक्षक गोंदिया कुलराजसिंग के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय कर्मचारियों की मदद एवं वनविभाग के स्वान स्नीफर (पीटर) डॉग की सहायता से आसपास के क्षेत्र में जांच की गई। इस दौरान मानद वन्य जीव रक्षक गोंदिया( महाराष्ट्र राज्य प्रतिनिधि) मुकुंद धुर्वे, मानद वन्यजीव रक्षक सावन बहेकार (राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण प्रतिनिधि) मौजूद रहे।
जांच में फारेस्ट टीम को तिलकचंद शरणागत व योगराज नागपुरे के खेत में भी मृत बाघ के शरीर के टुकड़े मिलें। जांच में अभी भी बाघ का पीछे का पैर नाखुन सहित नही मिला वहीं आगे के दो पैर व नाखून, सर का भाग व पूंछ बरामद नही हुई, जिसकी जांच जारी है।
बाघ के शरीर के टुकड़े सड़े-गली अवस्था में मिलने पर मौत का कारण स्पष्ट नही हो पाया। बाघ की मौत कैसे हुई होंगी, किसने उसके टुकड़े कर आसपास के क्षेत्र में फेंका इस हेतु आरोपी की तलाश जारी है।
डॉ. विवेक गजरे- पशुधन विकास अधिकारी श्रेणी-1 एकोडी, डॉ. डी डी. पटले पशुधन विकास अधिकारी गोंदिया, डॉ. ए डी. जपुलकर पशुधन विकास अधिकारी श्रेणी 1 चुटिया की ओर से बाघ के शरीर की जांच कर पोस्टमार्टम किया गया। बाघ के भीतरी अवयव को सीलबंद कर रखे गए, वही उसके शरीर को आज दोपहर 12.30 से 1 के दौरान पांगोली नदी नर्सरी में उसका दहन किया गया।