गोंदिया: “पीले सोने” की हिफाज़त के लिए  किसान अपना रहे ये तकनीक..

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प्रतिनिधि।
गोंदिया: इस वर्ष धान की बंपर पैदावार होने जा रही है। लेकिन हाथ में आई फसलों को जंगली सुअरो द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे किसान चिंता में पड़ गए है। जंगली सुअरो से फसलों को बचाने के लिए किसानो ने अब प्रयोग के तौर पर नई तकनीक ढूंढ निकाली है।
किसान फसलों को बचाने के लिए रात के दौरान फसलो के बीच विद्युत बल्ब लगाकर बल्ब की रोशनी से जंगली सुअरो से फसलो की सुरक्षा कर रहे है। ये पहली इस तरह का ऐसा प्रयोग गोरेगांव तहसील के खेतो में रात के दौरान देखा जा रहा है।

बता दें कि गोंदिया जिले में धान का उत्पादन अधिक होने से किसान धान को पीला सोना कहते है। इस वर्ष लगभग 2 लाख हेक्टेयर पर खरीफ फसल धान व अन्य फसले लगाई गई है। दीपावली के पूर्व हल्के धान की फसल आ जाती है। फसल आने के बाद किसान फसलो की कटाई शुरू कर देता है। समय-समय पर बारिश आने से धान की फसल की पैदावार अच्छी हुई है। अर्थात इस वर्ष धान की पैदावार बंपर होने जा रही है। लेकिन हाथ में आई फसलों को जंगली सुअरो द्वारा बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे किसान चिंता में आ गए है।
खेतो में मचान बांधकर फसलो को बचाया जा रहा है लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत रात के दौरान होती है। क्योंकि रात में ही जंगली सुअरों का झुंड खेतो में आकर फसलो को तबाह कर देता है। अब किसानो ने ये नई तरकीब अपनाकर जंगली सुअरो से धान फसल की सुरक्षा में जुट गए है।
गोरेगांव तहसील के अलावा अन्य ग्रामों के किसानो ने रात के दौरान खेताे में धान फसलो के बीच विद्युत बल्ब लगाए है। विद्युत रोशनी से जंगली सुअर खेतो में नहीं पहुंचते ऐसा किसानो का मानना है। गोरेगांव तहसील के अनेक खेतो में रात के दौरान विद्युत रोशनाई के बीच धान की फसल देखी जा रही है।

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