गोंदिया: सिंधी स्कूल के मैदान में झूलेलाल गरबा उत्सव की धूम, गरबे में पारंपरिक संस्कृति की झलक..

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प्रतिनिधि।

गोंदिया । धार्मिक नगरी के नाम से पूरे विदर्भ में प्रख्यात गोंदिया शहर में इन दिनों नवरात्रि उत्सव की धूम है। यहां आकर्षक झांकियों और पंडालों में माँ दुर्गा विराजित है जिसे देखने वालों की भीड़ हजारों में होती है। इसी के साथ गोंदिया में डांडिया और गरबा के बिना नवरात्रि का पर्व फीका है। नवरात्रि के समय हर कोई गरबा खेलने के लिए उत्सुक होता है और इस उत्सव का सभी को इंतजार रहता है।

गोंदिया जिले में इस बार ३२ स्थानों पर गरबा डांडिया का आयोजन किया गया है। बता दें कि गरबा एक पारंपरिक नृत्य है जो भारत की संस्कृति को दर्शाता है, माता शक्ति के आगे नृत्य कर उसके ९ स्वरूपों को भक्त प्रसन्न करते हैं, यह नारी की सृजन शक्ति का भी प्रतीक है।

नवरात्रि महोत्सव पर जय झूलेलाल गरबा उत्सव समिति प्रतिवर्ष देवी शक्ति को समर्पित गरबा कार्यक्रम का आयोजन करती है, इस आयोजन को गोंदिया सिंधी समाज की शान माना जाता है।

१५ अक्टूबर को स्थानीय सिंधी स्कूल के प्ले ग्राउंड पर आयोजित नौ दिवसीय पारंपरिक डांडिया गरबा का भव्य शुभारंभ मातारानी के वंदन आरती पूजन व इष्टदेव झूलेलालजी की आराधना के साथ अहमदाबाद से पधारे संत कमल साईं बाबा अमरदास उदासी व विधायक विनोद अग्रवाल, पंडित विक्की महाराज के शुभ हस्ते किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल मंचासीन अतिथि नारायण (नारी) चंदवानी, मनोहर आसवानी, साजनदास वाधवानी, सुनील प्रध्यानी, अनिल हुंदानी, रिंकू आसवानी, बाबा नोतानी, नरेश लालवानी, कैलाश अंदानी, शिव शर्मा, भाऊराव ऊके ने कहा ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हमारी सनातन संस्कृति सहित परंपराओं की पहचान कराती है।

डांडिया गरबा में भाग लेने के लिए ५ अक्टूबर से १४ अक्टूबर तक बकायदा प्रशिक्षकों के द्वारा क्लासेस लेकर १००० से अधिक प्रतिभागियों को नए-नए गरबा स्टेप्स सिखाए गए. अब परीक्षा की घड़ी है, जो बेहतर प्रदर्शन करेगा उसे पुरस्कारों से भी नवाजा जाएगा।

इस उत्सव में परिधान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, नवरात्रि में आपका पोशाक ऐसा होना चाहिए जो सिंधु संस्कृति परंपरा और विरासत कासम्मान दर्शाता हो लेकिन फैशन के नाम पर फूहड़ता ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखें और दिखावटी वाले पोशाकों से बचना चाहिए ताकि त्यौहार की पवित्रता बनी रहे।

आयोजन के सफलतार्थ जय झूलेलाल गरबा उत्सव समिति के आयोजक- बब्बु बजाज, गिरीश वलेचा,अध्यक्ष मोहित अंदानी, उपाध्यक्ष पवन जगवानी, तम्मु मोटवानी, सचिव संदीप वेडवानी, सहसचिव भरत भगतानी, कोषाध्यक्ष- विक्की वाधवानी व मनिष आहुजा, सहयोजक- जसपाल जसानी, डायमंड भगतानी, निखिल प्रथ्यानी, गगन माखीजा, नरेश मानकानी, अनिल कुंगवानी, नरेश मेठवानी, दीपक आहूजा, योगेश अनवानी, जीतू दिवानी, जैकी डोडा, अमित डोडानी, अंकुश डोडानी, हन्नी अंदानी, प्रशांत डोडवानी, अनु चंचलानी, विक्की रोहड़ा राहुल बत्रा, बाबू लालवानी, कैलाश टहल्यानी, धर्मेंद्र मेघानी, रोहित कुंगवानी, देव जयसिंघानी, करण वनवानी, महिता समिति की आरती आडवानी, रागिनी अंदानी, उषा आहूजा, माधुरी वनवानी, नैना आहूजा, रेखा डोडवानी, विनीता गोपलानी, नीलम शिवलानी, चेतना छाबड़ा व रिचा आहूजा, दीया ककवानी, सिमरन रामानी, सेजल डोडानी, चांदनी डोडवानी, साहिल डोडानी, प्रथम डेमानी, सुमीत बजाज प्रयासरत है।

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