गोंदिया: दुर्लभ “ब्लड डोनर” युवक, नांदेड़ से गोंदिया आया, लाखों में एक होता है ऐसा ब्लड वाला शख्स..

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सोच ब्लड संस्था ने उनके इंसानियत के जज्बों को सलाम कर दिया प्रमाणपत्र..

प्रतिनिधि। 03 फरवरी
गोंदिया। शहर के केएमजे अस्पताल में किडनी में सूजन को लेकर उपचारार्थ भर्ती विनोद रामटेककर को डॉक्टरों द्वारा इलाज पूर्व रक्त की कमी बताई गई थी। विनोद का रक्त भी यूनिक ब्लड ग्रुप होने से उसे ऐसा रक्त मिल पाना संभव नही था। कहा जाता है कि इस रक्त वाले व्यक्ति को बॉम्बे ब्लड ग्रुप के नाम से जाना जाता हैं, जो 20 लाख की संख्या में एकाध का ही होता है।
इस यूनिक ब्लड ग्रुप की प्राप्ति के लिए अनेक ब्लड बैंक को खंगाला गया, सोच ब्लड संस्था सहित अनेक रक्त मित्रों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर वाट्सअप, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि नेटवर्किंग साइट में ब्लड के लिए संदेश भेजे।
इन्ही संदेशों के चलते ये मेसेज नांदेड़ के युवक माधव मारोती सुवर्णकार के पास तक पहुँचा। माधव भी वो शख्स है जिनका ब्लड ग्रुप यूनिक है। उन्होंने बिना समय गवाएं नांदेड़ से बस में बैठकर नागपुर की यात्रा की और नागपुर से मोटर साइकिल में बैठकर सीधे गोंदिया पहुँच गए।
यहां इस दुर्लभ ब्लड डोनर माधव सुवर्णकार ने बॉम्बे ब्लड ग्रुप को डोनेट कर मानवता की मिसाल कायम की है। माधव का गोंदिया के रक्तदूतों द्वारा सम्मान कर उन्हें सोच ब्लड संस्था द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया गया।
सोच ब्लड संस्था के रक्तमित्र सौरभ रोकड़े ने बताया कि इस यूनिक ब्लड को बॉम्बे ब्लड ग्रुप के नाम से जाना जाता है। ये ब्लड o पॉजिटिव व o निगेटिव ब्लड वाले व्यक्ति में करीब 20 लाख की संख्या में एक व्यक्ति में पाया जाता है। इसका पहला मामला मुंबई में सामने आया था, जिसके बाद इसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप पड़ा। कहा जाता हैं कि इस ब्लड वाले व्यति की संख्या महाराष्ट्र में अधिक है। सरकारी संस्था एसबीटीसी ऐसे ब्लड वालों का सारा ब्यौरा अपने पास रखती है।
नांदेड़ के रक्तदूत माधव सुवर्णकार के इस दैविक कार्य के लिए रक्तमित्र सौरभ रोकड़े, अभिषेक ठाकुर, रक्त मित्र शुभम निपाने, रक्त मित्र विनोद चाँदवानी, डॉ. संजय माहुले, नितिन रायकवार, रमेश दहारे, योगेश रामटेकर, व अन्य की उपस्थिति में सर्टिफिकेट व मोमेंटो देकर सन्मानित किया गया।

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