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प्रतिनिधि। 12 अक्तूबर
गोंदिया। कल अचानक शहर के कलेक्ट्रेट परिसर में टाइगर की दस्तक से हडक़ंप मच गया। टाइगर को शहर में देख ख़ौफ़ निर्माण हो गया। अनेक लोगो ने वायरल हुई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर आम नागरिकों को सावधान किया। ये खबर फारेस्ट टीम को लगते ही वे भी पहुचीं।
देर रात बाघ को ढूढने की कवायद जारी रही। अंत मे रात करीब 12.30 बजे के दौरान बाघ कलेक्ट्रेट ऑफिस के समीप सारस चौक पर एक प्लाट में दिखाई दिया।

फारेस्ट टीम ने पाया कि ये बाघ पिछले 7-8 दिन से मानवी बस्ती व खेत परिसर में विचरण कर रहा था। इससे खतरे की बड़ी आंशका को देख नियमों के तहत बाघ को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर काबू किया गया पश्चात उसे कैद कर लिया गया। मौके पर उपस्थित पशु वैधकीय अधिकारी ने जांच में उसके सदृढ़ होने की पुष्टि की। बाघ को कैद करने के बाद उसे नागपुर के टीटीसी के रवाना कर दिया गया।

इस रेस्क्यू अभियान को वन्यजीव रक्षक महाराष्ट्र राज्य एमएस रेड्डी, श्रीमती श्रीलक्ष्मी ए. वन संरक्षक (प्रादे.), नागपुर, वनवृत्त नागपुर व श्री पवनकुमार आ. जोंग, उप वनसंरक्षक गोंदिया फारेस्ट, के मार्गदर्शन में विजय धांडे सहायक वन संरक्षक (तेंदू कैंप), सचिन एम डोंगरवार, सहायक वन संरक्षक(रोहयो व वन्यजीव), दिलीप कैशिक, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सावन बहेकार अध्यक्ष सेवा संस्था, गोंदिया, डीडी कटरे पशु चिकित्सा अधिकारी, सिंगनजुड़े, पीआई गोंदिया अमोल चौबे, राऊत, शेन्द्रे, विक्रांत ब्राम्हणकर, शुभम मेश्राम, राजेश ढोक, व आरआरटी गोंदिया के, पुलिस विभाग व क्षेत्रीय वन कमर्चारियों की उपस्थिति रही।